प्रशासन की सख्ती के बाद हथखोज रेत खदान में अवैध खनन करने वाले लड़ाई झगड़े करने लगे झगड़े का विडियों आया सामने,विधायक के कड़े तेवर से अवैध धंधे में लगा अंकुश रेत खनन में राजस्व के चौकाने वाले आंकड़े आए सामने

गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)।जिला प्रशासन के निर्देश पर एसडीएम राजिम द्वारा फिंगेश्वर विकासखंड में चल रही अवैध रेत खदानों के गांवो के सरपंच सचिव को सख्त कारण बताओ नोटिस दिए जाने के बाद अवैध उत्खनन कर रहे रेत माफियाओं में हंडकंप मच गया है। एकाएक लाखों की प्रतिदिन कमाई पर ब्रेक लग जाने की परिणीति शुक्रवार की शाम गरियाबंद जिले की एकमात्र वैध रूप से चल रही हथखोज रेत खदान में अवैध रेत माफियों के गुर्गो द्वारा बेवजह मारपीट के रूप में सामने आई है। ग्राम हथखोज के ग्रामीणों ने बताया कि एसडीएम से नोटिस मिलने के बाद हथखोज में चल रही अवैध खदान को ग्रामीणों ने नहीं चलने दिया तो अवैध खदान चलाने वालों ने हथखोज में ही रही जिले की एकमात्र वैध खदान से सभी दस्तावेजों के साथ रेत भरकर निकल रही गाड़ी को रोककर हमारी खदान बंद करके यह खदान भी नहीं चल सकती कहते हुए गाड़ी रोककर झगड़ा करने लगे। जब हथखोज के ग्रामीण बीच में आकर बोले की हथखोज की वैध खदान की गाड़ी आप लोग कैसे रोक सकते है। तो गांव वालों की बात न सुनते हुए मारपीट करने लगे। इस पर हथखोज के 40-50 ग्रामीण ग्राम समिति के सदस्य, पंच आदि राजिम थाना पहुंचे। जहां दूसरे पक्ष के लोगों को समझाया गया तो समझौता हुआ कि अब हथखोज में चल रही वैध खदान के मामले में कोई भी ग्रामीण हस्तक्षेप नहीं करेगा। इस मामले में हथखोज खदान के बारे में बताया जाता है कि यहां नदी के लंबे चौड़े घाट में स्वीकृत रेत खदान के क्षेत्र के बाहर भी काफी बड़े भूभाग में रेत का भंडार है। स्वीकृत एवं वर्तमान में संचालित रेत खदान के अलावा बचे शेष क्षेत्र में अवैध रेत माफिया की गिदद् दृष्टि लगी रहती और वहां जब चाहें तब बड़ी बड़ी चैन माऊंटिंग लगाकर धड़ल्ले से मनमाने स्तर पर दिन रात 24 घंटे खनन किया जाता है और जब भी अधिकारी जांच करने आते है अथवा सेटिंग गड़वड़ाती है तो अवैध खनन वाले आनन-फानन में अपनी मशीन को सीमा से लगे दूसरे जिले में ले जाकर छुपा देते है। इस तरह सेटिंग के चलते यहॉ अवैध खनन बंद-चालू होता रहता है और नुकसान उठाना पड़ता है हथखोज घाट में चल रही वैध खदान के संचालकों और राज्य सरकार को हथखोज रेत खदान के संचालक ने एक जानकारी में बताया कि उनके द्वारा शासन के नियमानुसार खदान का संचालन किया जा रहा है गत वित्तीय वर्ष में उनके द्वारा लगभग 55000 टन की रायल्टी करीबन 68 लाख 75 हजार रू. जमा कराई गई थी और इस वर्ष 15 अक्टूबर से अब तक लगभग 70000 टन की रायल्टी करीबन 87 लाख 50 हजार रू. का राजस्व राज्य सरकार के खजाने में जमा किया जा चुका है। और अभी तक 15 जून तक इस सत्र की खदान का राजस्व पटाना है। गरियाबंद जिले के वैध रूप से चल रही मात्र एक हथखोज खदान से इतना भारी भरकम राजस्व मिलता है तो समझा जा सकता है कि जिले के मात्र फिंगेश्वर विकासखंड में चल रही 10-12 रेत खदानों से कितनी बड़ी राशि के राजस्व को रेत माफिया अथवा रेत सिंडीकेट के हवाले करने में कितना बड़ा भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है। अब राजिम विधायक रोहित साहू द्वारा अंचल में मनमाने ढंग से हो रही रेत खदानों के अवैध उत्खनन एवं परिवहन से हो रही राज्य सरकार की किरकिरी से विचलीत होकर जिला प्रशासन एवं खनिज विभाग को दी गई सख्त चेतावनी के बाद प्रशासन के सख्त रवैय्ये से लगभग अवैध खनन के बंद हो जाने कार्यवाही ने फिलहाल तो मुर्तरूप ले लिया है। परंतु हर बार की तरह यह कार्यवाही चार दिन की चांदनी बनकर न रह जावें। अवैध उत्खनन से जो राजस्व के आकड़े मिले है। यह न सिर्फ राज्य सरकार की आमदनी में चार चांद लगा सकते है एवं इसका दूसर पहलू देखा जाए तो ये आंकड़े किसी भी अवैध काम करते वाले को अपनी ओर चुम्बक की तरह खींच सकते है। अब जब विधायक की सक्रियता एवं सखक्ती से रेत के अवैध खनन एवं परिवहन में ब्रेक लगा है देखना होगा यह कब तक रहता है।

क्या कहते है गांव के प्रथम नागरिक :- नरेश निषाद सरपंच प्रतिनिधि, ग्राम पंचायत हथखोज
गांव में मीटिंग मे मैंने गांव वालों को जानकारी दी की कोई भी अवैध रेत घाट नहीं चलाने एसडीएम द्वारा नोटिस मिला है। जिस पर रेत मायि के गुर्गो द्वारा वैध रेत खदान से निकल रही गाड़ियो को रोका गया तभी अन्य ग्रामीण लोग आकर बोले की इस गाड़ी को क्यों रोक रहे हो तो उन लोगों ने कहा कि अवैध रेत खदान नहीं चलेगा तो वैध भी नहीं चलेगा जिस पर दोनों पक्षों में मारपीट शुरू हो गयी।

पीलाराम साहू सचिव ग्राम, पंचायत हथखोज , पंचायत कर्मी सचिव का कहना है

मेरे द्वारा पूर्व में भी खनिज विभाग गरियाबंद को अवैध रेत उत्खनन की जानकारी से अवगत कराया गया था और अभी एसडीएम मैडम द्वारा प्राप्त कारण बताओं नोटिस का जवाब दे दिया गया है।


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