बाल विवाह रोकथाम के संबंध में कलेक्टर ने ली बैठक



बेमेतरा । आज रविवार को जिला पंचायत के सभागार में कलेक्टर  रणबीर शर्मा द्वारा बाल विवाह रोकथाम के संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग के समस्त अधिकारियों / कर्मचारियों का बैठक ली | बैठक में 10 मई को अक्षय तृतीया के अवसर पर होने वाले बालविवाह की आशंका के रोकथाम हेतु कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की गयी। कलेक्टर  रणबीर शर्मा द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी  चंद्रबेश सिंह सिसोदिया जिला कार्यक्रम अधिकारी को अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों को जिला स्तर में टीम बनाकर उक्त दिवस में बाल विवाह प्रतिषेध हेतु दौरा किये जाने हेतु आदेशित किया है ।
                 कलेक्टर  रणबीर शर्मा ने बताया की मौजूदा कानून के तहत् 18 वर्ष से कम आयु की बालिका एवं 21 वर्ष से कम आयु के बालक का विवाह गैर कानूनी है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 में उल्लेखित प्रावधानों के बारे में बताया गया कि निर्धारित आयु पूर्ण होने के पूर्व विवाह करवाना अपराध है, जो भी व्यक्ति यथा बाल विवाह कराने वाले वर एवं वधु के माता-पिता, सगे-संबंधी, बाराती, विवाह करवाने वाले सेवा प्रदाताओं पर भी कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। जो व्यक्ति ऐसा करता या कराता है या विवाह में सहयोग प्रदान करता है, तो उसे भी 02 वर्ष तक कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि 1 लाख रु. तक हो सकता है अथवा दोनो से दण्डित किया जा सकता है।
                बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों के अनुसार महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला अधिकारी एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी को बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी घोषित किया गया है। बाल विवाह की सूचना अनुविभागीय दण्डाधिकारी, पुलिस थाने में महिला एवं बाल विकास विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी / कर्मचारी / आगनबाडी कार्यकर्ता, सरपंच, कोटवार आदि को दी जा सकती है। इस कानून के अनुसार बाल विवाह के बंधन में आने वाले बालक/बालिका को अपना विवाह शून्य घोषित कराने का अधिकार है। बाल विवाह की जानकारी प्राप्त होने की स्थिति में चाइल्ड हेल्पलाईन 1098 में या विभागीय मो. न. 8319141116, 8269844404 पर सूचित किया जा सकता है

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