अवैध रेत खदानों में अभी भी प्रशासन नरम कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति, पत्रकार के साथ मारपीट, खदान में बवाल, आखिर प्रशासन चाहता क्या है

गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। अंचल के 8-10 स्थानों में मनमाने ढंग से एक एक जगह 2-3 चैन माऊंटिंग जैसी मशीनें लगाकर प्रतिदिन सैकड़ों हाईव परिवहन हो रही है। उसके बाद भी मात्र 16 ही वाहनों को पकड़ना, एक भी चैन माऊंटिंग का न पकड़ा जाना आखिर किस ओर और कैसी कार्यवाही की ओर इंगित करता है। अवैध उत्खनन एवं परिवहन के मामलें में प्रशासन की कार्यवाही पर अनेक सवाल खड़े किए जा रहे है। जिले में अवैध रेत उत्खनन की शिकायतें बढ़ने के बाद प्रशासनिक टीम ने कार्यवाही तो की, लेकिन यह कार्यवाही भी खानापूर्ति साबित हो रही है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इन दिनों सैकड़ो वाहनों से रेत परिवहन किया जा रहा है। वहीं पांच से अधिक बड़ी लोडर मशीनें लगी है। इनमें से सिर्फ 16 हाईवा ही जब्त किया गया है। वहीं एक भी लोडर मशीन नहीं पकड़ी गई है। राजिम के रेत और राजनीति में गुरूवार को दिनभर उथल पुथल मंचा रहा। रेत माफिया के लोगों द्वारा एक मई को यूट्यूबर की पिटाई की गई, बिगड़े माहौल को भापकर राजिम अनुविभाग व माइनिंग की टीम ने सुबह आठ बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक 16 हाईवा को जब्त कर लिया, लेकिन इस बीच राजिम में चल रहे रेत की राजनीति गरमा चुकी थी। अवैध आठ खदानों में मौजूद 14 मशीनों से रोजाना सैकड़ों ट्रीप रेत के अवैध परिवहन पर सत्ताधारी पार्टी के जनप्रतिनिधियों पर भी सवाल खड़ा हो रहा था। आरोप-प्रत्यारोप के बीच शाम पांच बजे बाद राजिम विधायक रोहित साहू द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति आया, जिसमें अवैध खनन पर कड़ी कार्यवाही के अलावा राजिम विधानसभा क्षेत्र चल रहे जुआ सट्टे पर लगाम लगाने के निर्देश देने का दावा किया गया। विधायक ने रेत माफियाओं पर कार्यवाही नहीं होने पर माईनिंग अफसर के खिलाफ एफआइआर कराने की चेतावनी भी दे डाली। इसके बाद माइनिंग के जिला अधिकारी फागूलाल नागेश ने रातभर में केवल एक वाहन की जब्ती की पुष्टि की है। विधायक के निर्देश का खूब प्रचार हुआ लेकिन जारी निर्देश के बाद शुरू हुई कार्यवाही अवधि में केवल एक हाईवा मात्र का पकड़ा जाना सिस्टम पर कई सवाल खड़े करता है। विभाग ने ना तो सुबह मशीनों को जब्त किया ना ही रात को जहमत उठाया। परसदाजोशी के उन दो घाटों में रात भर दो मशीनों ने रेत लोडिंग की, जिसका रास्ता रायपुर सीमा में चंपारण की ओर निकलता है। सूत्रों का दावा है कि आम दिनों की तरह यहां बीती रात भी बेखौफ होकर मशीनें चलती रही। सूत्रों ने बताया कि सुबह के वक्त 70 से ज्यादा वाहन खदानों में आवाजाही करते रहे, लेकिन कुछ हाई प्रोफाइल खदानों से निकलने वाले वाहनों पर कार्यवाही नहीं हुई। दो जिला के सीमाओं में पड़ने के कारण यहां के चार घाट में आसानी से खेला किया जा रहा है। परसदा पंचायत ने 2021 के पंचायत बैठक में महानदी पर मंडरा रहे खतरे को देखते हुए खदान की मंजूरी के विरोध में प्रस्ताव पास किया था। बावजूद बगैर प्रस्ताव के 2022 में परसदाजोशी के लिए लीज जारी कर दिया गया। लीज की अवधि में माफियाओं ने एनजीटी व माइनिंग के नियमों को धता बताकर 80 हजार टन घन मीटर रेत की चोरी कर ली। 28 दिसंबर 2023 राजिम तहसीलदार के प्रतिवेदन से इसकी पुष्टि हुई। इस चोरी का मामला सदन में भी उठा, पर आज तक जिला प्रशासन इसका जवाब तक नहीं दे पाई। बड़ी आसानी से रेत पार किए जाने वाले इस खदान में पिछले साल माइनिंग विभाग की टीम पर हमला भी किया गया था।

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