
डोंगरगांव(गंगा प्रकाश)। इन दिनों रेत का अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है। रेत माफिया खुलेआम अपने माज़दा जैसे वाहन में भरकर रेत बेच रहे हैं। शासन को लाखों के राजस्व की चपत लगा रहें है । प्रशासन चुप्पी साध कर बैठा है कोई कार्रवाई नहीं होती है।बारिश के दिनों मे रेत के दाम आसमान छूने लगते है, रेत माफिया दिन रात रेत की अवैध निकासी मे लगे रहते जिससे वो अधिक से अधिक मात्रा मे रेत डंप कर सके और उसे बारिश से लेकर ठण्ड के दिनों तक ऊंचे दामों मे बेच सके।

रेत माफियाओं द्वारा प्रतिदिन ट्रेक्टर ट्राली, माज़दा और डम्फर भर कर रेत का परिवहन करते है डोंगरगांव करीब ग्राम बंशीबंजारी गांव से लगे नदी से प्रतिदिन दर्जनों गाड़िया रेत निकला जा रहा है और रेत को नर्सरी एवं आसपास के जगहों मे डंप किया जा रहा है । इसके अलावा नदी नालों से रेत निकालने और डंप कर ऊँचे दामों मे बेचने का अवैध कारोबार जारी है आज टीम द्वारा जब पतासाजी की गई तब ग्राम बंशीबंजारी के नदी मे स्पॉट मे 4 माज़दा लगा हुआ था, जिसका वाहन क्रमांक CG 08 L 2358 , दूसरा CG 08 AG 0515 ,तीसरा CG 04 7909 चौथी गाडी का नंबर नोट नहीं हो पाया तथा रेत भरने वाले मजदूरों से पूछ ताछ मे उन्होंने रेत कारोबार एवं गाड़ी मालिक (CG 08 L 2358 ) संजय साहू निवासी ग्राम बंशीबंजारी ?तथा बाकि 2 गाड़िया लोकेश निर्मलकर निवासी मोतीपुर का होना बताया पाया गया ?स्पॉट मे जब माइनिंग के अधिकारी को काल किया गया तब उन्होंने व्यस्त होने के साथ कल मौके पर मुआयना की बात की और तहसीलदार सर को काल करके जानकारी देने को बोल कर काल कट कर दिया, तब डोंगरगांव तहसीलदार नाग सर को काल करने पर बंशीबंजारी को कुमर्दा तहसीलदार के अंदर होना बताया,तत्पश्चात कुमर्दा तहसीलदार ने चार्ज मे ना होने के साथ चौकी तहसीलदार को काल करने का बोल कर उन्होंने भी असमर्थता जताई, चौकी तहसीलदार सर ने काल ही नहीं उठाया। इसी कारण रेत माफियाओं के अवैध कारोबार बहुत अच्छे तरीके से फल फूल रहे है कोई खुलकर बोलने को तैयार नहीं है इन दिनों नगर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सैकड़ों मकानों का निर्माण का कार्य जारी है, जिस कारण से रेत की मांग बढ़ गई है, जिससे रेत के कारोबारियों की चांदी ही चांदी हो रही है । बिना किसी रायल्टी पास के धड़ल्ले से रेत का अवैध कारोबार करने में लगे है। अधिकारियो के कार्यवाही ना करने के चलते बंशीबंजारी मे आज टीम के आने के बाद भी रेत माफिया के हौंसले इतने बुलंद थे की उनके सामने भी बिलकुल निडर होकर गाड़ियों मे रेत भर रहे थे। और सभी को मैनेज कर लेने की बात कह रहे थे, पता नहीं ये उनका कैसा मैंनेजमेंट है जो उनके हौंसले को इतना मजबूत कर देते है।