10 मई अक्षय तृतीया शुभ कार्यो एवं विवाह के लिए अबुझ मुहुर्त, हो रही शादियां, इस दिन कुछ काम न करें श्रद्धालुजन

गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। अक्षय तृतीया को हिन्दू धर्म में काफी शुभ दिन माना जाता है। अक्षय तृतीया शादी ब्याह का अबुझ मुहुर्त होता है। इसे पूजा मुहुर्त मानकर लोग पंचांग अथवा पंडित से पूछे बगैर इस दिन शादी विवाह करते है। जैसे इस वर्ष 10 मई अक्षय तृतीया को हिन्दू पंचांग, कलैन्डर में 27 वर्षो बाद शुभ कार्यो के लिए अक्षय तृतीया के लिए शुभ नहीं है किन्तु छत्तीसगढ़ में 10 मई को अक्षय तृतीया के निमित्त काफी विवाह हो रहे है। इसे ही हिन्दू धर्म में आस्था एवं विश्वास कहा जाता है। अक्षय तृतीया का अर्थ है अनंत फल देने वाला। इस दिन किए सभी शुभ कार्य अक्षय यानी अनंत फल देने वाले होते है। अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। वहीं इस दिन भगवान वेद व्यास ने महाभारत लिखना शुरू किया था। इस दिन स्नान दान और पूजा-पाठ करना बेहद शुभ होता है। इस दिन कुछ कार्य करना अशुभ भी माना गया है। अक्षय तृतीया के दिन भूलकर भी एल्युमिनियम के बर्तन न खरीदें। ऐसा कहा जाता है एल्युमिनियम के बर्तन खरीदने से जातक को धन हानि की संभावना रहती है और जातकों को अशुभ परिणाम मिलने लग जाते है। ऐसा भी कहते है कि इस दिन गलती से भी काले रंग के वस्त्र न खरीदें। कहा जाता है कि काले रंग पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव ज्यादा रहता है और यह दिन उत्तम फलदायी माना जाता है। इस दौरान काले रंग के वस्त्र पहनने से बचना चाहिए। माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन काले रंग की वस्तु भूलकर भी न खरीदें। अगर आप काले रंग के वस्तु खरीदते हैं, तो जातकों को अशुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही ग्रह दोष भी उत्पन्न होने लगता है। ऐसा भी मानते है इस दौरान कांटेदार वस्तुएं जैसे कि चाकू, कैंची और सुई न खरीदें। ऐसा करने से मन में नकारात्मक आ सकती है। साथ ही व्यक्ति को कभी जीवन में सफलता नहीं मिलती है। साथ ही अक्षय तृतीया के दिन भूलकर भी न खरीदें प्लास्टिक की चीजें। ऐसा कहा जाता है कि जो जातक प्लास्टिक खरीदते है, उसे जीवन में दरिद्रता का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं व्यक्ति को कभी सुख और समृद्धि की प्राप्ति नहीं होती है।

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