
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। नगर में अक्षय तृतीया 10 मई को भगवान परशुराम जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ी ब्राम्हण समाज फिंगेश्वर एवं विप्रकुल नारी जागरण समिति के द्वारा भगवान विष्णु के छटवें अवतार भगवान परशुराम का प्राकट्य उत्सव बड़े ही धूमधाम, पूजा अर्चना के साथ श्रद्धापूर्वक मनाया गया। विप्र भवन में सभी सदस्यों की उपस्थिति में पं. दिनेश्वर शर्मा एवं सहयोगी पंडितों ने प्रातः मंत्रोच्चार के साथ कथा विधि विधान एवं पूजा अर्चना कर भगवान परशुराम की जयंती मनाई गई। पंडितों ने कथा प्रवचन में बताया कि जब पृथ्वी पर अत्याचार, अधर्म तथा असत्य अपनी चरम सीमा में पहुंच गया था तब भगवान विष्णु ने परशुराम के रूप में अवतार लिया। उन्होंने 21 बार अत्याचारियों के अत्याचार से पृथ्वी को मुक्त किया। उन्होंने कहा कि परशुराम किसी वर्ग विशेष के नहीं अपितु पूरे समाज के अराध्य है। उन्होंने अत्याचार एवं अन्याय के साथ जीवन पर्यन्त संघर्ष किया। पंडितों ने परशुराम को सबसे बड़ा धर्मरक्षक बताया। तथा सभी लोगों से भगवान परशुराम के जीवन को आत्मसात करने की बात कही। पूजा अर्चना उपरांत प्रसाद वितरण एवं समाज के द्वारा सामूहिक भोज का आयोजन किया गया। इस अवसर पर समाज के अध्यक्ष महेशाधर दीवान सहित शरद चतुर्वेदी, रामकृष्ण तिवारी, सुशील शर्मा, मन्नू चौबे, रामस्वरूप तिवारी, महेन्द्र तिवारी, भूपेन्द्र दीवान, जयेश शुक्ला, संतोष शर्मा, सतीश शर्मा, कृष्ण कुमार तिवारी, दादू तिवारी, मनीष शर्मा, धीरज शर्मा, नवनीत चतुर्वेदी एवं विप्रकुल नारी शक्ति प्रफुल्लित दीवान, मधु तिवारी, अनिता शर्मा, सुमन तिवारी, सोनल दीवान, वर्षा चतुर्वेदी, प्रीति चतुर्वेदी, चंद्रा शर्मा, प्रभा शुक्ला, इंद्राणी शर्मा, रानू शुक्ला, छाया शर्मा, रिद्धि तिवारी, निर्मला चौबे एवं समस्त बच्चों द्वारा अपनी उपस्थिति दी गई।