
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। नगर में कृषि महाविद्यालय में अक्ती का त्यौहार पूजापाठ एवं उसके महत्व को बताते हुए पूरे विधि विधान के साथ मनाया गया। 10 मई शुक्रवार को डॉक्टर निरंजन खरे अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय के निर्देशन में डॉक्टर गिरिजेश शर्मा, सह प्राध्यापक की अध्यक्षता डॉ. नीता मिश्रा के नेतृत्व में अक्ती त्यौहार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए सर्वप्रथम मॉ सरस्वती की पूजा अर्चना के साथ सरस्वती वंदना का गायन किया गया। तत्पश्चात् राजकीय गीत के साथ कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत की गई। अतिथियों के स्वागत उपरांत डॉ. शर्मा द्वारा स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया गया। जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि पूरे भारतवर्ष में आज का वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि का दिन अक्षय तृतीया के रूप में मनाया जाता है। जिसे छत्तीसगढ़ में अक्ती तिहार के नाम से लोक पर्व के रूप में मनाया जा रहा है। छात्रों को आर्शीवचन प्रदान करते हुए सभी को अक्ती त्यौहार की शुभकामनाएं प्रेषित की गई। डॉ. लेखराम वर्मा द्वारा तकनीकी उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए अक्ति त्यौहार का वैज्ञानिक एवं पौराणिक महत्व बताते हुए सारगर्भित वक्तव्य प्रस्तुत किया गया। जिसमें उन्होंने बताया कि आज ही के दिन से किसान भाई मिटटी की पूजा-अर्चना के साथ खेती की शुरूआत करते है। विशेष रूप से बस्तर के आदिवासी जनजाति इसे माटी तिहार के रूप में मनाते है। हमारे पूर्वज आज ही के दिन बीज की गुणवत्ता जांचकर आने वाले मौसम हेतु रोपण किए जाने वाले बीज का चुनाव करते है। प्रदेश के कई आदिवासी जनजाति इस आमा तिहार के रूप में भी मनाते है और आज के बाद से ही आम का सेवन किया जाता है। इस प्रकार अक्ती त्यौहार पौराणिक एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। अतिथि उदबोधन उपरांत मिटटी एवं कृषि उपकरण की पूजा अर्चना के पश्चात् महाविद्यालय कैंपस में प्रतिकात्मक रूप से बीज की बोवाई की गई। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सह प्राध्यापक डॉ. अजीत मन्नाडे, डॉ. ओमेश ठाकुर, डॉ. कुंतल साटकर एवं सुश्री विभा चंद्राकर के अलावा छात्र-छात्राएॅ उपस्थित थे।