खरीफ फसल के लिए खेतों की साफ सफाई में जुटे अंचल के किसान

गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। शादी विवाह से निपटने के बाद अब ग्रामीण खरीफ फसल की तैयारी में जुटने लगे है। खेती किसानी के औजारों को व्यवस्थित किया जा रहा है। किसान सुबह सुबह ठंडे ठंडे में खेत जाकर खेत की स्थिति अनुसार खेतों में काम करने लगे है। भीषण गर्मी के चलते किसान सुबह जल्दी खेतों की ओर जाते दिख रहे है। किसान खरीफ फसल की खेती किसानी की तैयारी में जुट गए है। अलसुबह खेतों में पहुंचकर खरपतवार निकालकर जला रहे हैं। दूसरी ओर सोसायटियों से ऋण लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मई माह के अंतिम सप्ताह व जून माह के प्रथम सप्ताह से मौसम में परिवर्तन आना शुरू हो जाता है इसलिए खेतों की सफाई करना जरूरी होता है। खेतों में जुताई से पहले खरपतवार को एकत्र कर जलाया जा रहा है तो कहीं खेत में देसी खाद डाला जा रहा है। किसानों का मानना है कि खेती की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए खेत में बारिश से पहले देसी खाद का देना जरूरी होता है। उसके बाद खेत की जुताई की जाती है। इससे समय आने पर फसल अच्छी हो सके। वे खेतों की अकरस जुताई के साथ ही गोबर खाद पहुंचाने, कचरे, कांटों का सफाई के साथ सहकारी समितियों से खाद व ऋण की व्यवस्था करने जैसे काम में जुटे है। कभी कभी समय से पहले अधिक बारिश हो जाती है। ऐसे में किसान बिना तैयारी हाथ पर हाथ धरे रह जाता है लेकिन इस वर्ष ऐसे बारिश का फायदा उठाने के लिए अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह से ग्रामीण क्षेत्र के किसान खरीफ खेती किसानी की तैयारी में जुट गए है। वे सुबह खेतों में जाकर मेंड़ निर्माण कर रहे है। वहीं मेंड़ व खेतों के खरपतवार निकालकर जला रहे है ताकि खेतों की सफाई हो सके। उल्लेखनीय है कि अंचल में खरीफ सीजन पर सभी किसान धान की फसल लेते है। ग्रामीण अंचलों के किसान प्री मानसून की बारिश में ही सूखा बोनी करते है इसलिए पहले से खेतों में सूखा जुताई व पूरी तैयारी कर रखते है। रबी सीजन में धान फसल लेने वाले किसानों के खेतों में इन फसल पककर तैयार हो रही है। ऐसे किसान खरीफ धान फसल लेने पिछड़ जाते है। खेतों में जुताई, हेराफेरी, वीपास, कुड़ा कचरा हटाकर खेत साफ करने जैसे खेती के काम में तेजी आ गई है। पहले जुताई और मड़ाई बैलों की सहायता से की जाती थी। हाल ही में जैसे जैसे पशुधन में गिरावट आई और आधुनिकीकरण के कारण मशीनीकृत कृषि हुई टै्रक्टरों का महत्व बढ़ गया। इसलिए वर्तमान में खेती का सारा काम टै्रक्टरों की मदद से किया जा रहा है। डीजल के दाम बढ़ने से टै्रक्टर का किराया भी बढ़ गया है और खेती की लागत भी बढ़ गयी है हाल ही में तापमान में वृद्धि के कारण किसान और खेत मजदूर सुबह के सत्र में कृषि कार्य कर रहे है। पूरा ग्रामीण अंचल कृषि कार्य में जुट गया है।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *