
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। पिछले दिनों अवैध रेत उत्खनन एवं परिवहन में खनिज विभाग हुई किरकिरी एवं बदनामी के बाद विभाग द्वारा पहली बार अवैध खनन पर अंकुश लगाने की जा रही कार्यवाही से जहां ग्रामीणों में विभाग के प्रति कुछ विश्वास जगा है वही रेत माफिया हतप्रभ है। फिंगेश्वर विकासखंड के ग्राम चौबेबांधा रेत अवैध उत्खनन का अडडा बन गया था। इसी रास्ते सिंधौरी से भी रेत निकाली जा रही थी। कई बार आये दिन अखबारों ने इस क्षेत्र में चल रहे अवैध रेत खनन की चर्चा जोर शोर से चला रही थी। फिर भी अवैध रेत खदान चलाने वालों का दिनों दिन हौसले बुलंद है। उनकी दबंगई भी बढ़ गई थी। अप्रैल माह में यूटयूब के माध्यम से समाचार चलाने वाले के साथ इनका मारपीट भी हुई और पुलिस केस भी हुआ। जिसके कारण मामला अधिक जटिल हो गया। इसलिए खनिज विभाग ने ऐसा कदम उठाया कि जिसमें एक कहावत सही साबित होते लगा कि न रहेगा बास और न बजेगी बांसुरी। जहां से बड़ी बड़ी हाईवा रेत ले जाने और लाने के लिए आते जाते थे वहीं पर 25 फीट लम्बा और 4 फीट चौड़ा दीवार खड़ी कर दी गई है जिसके वजह से हो रहे अवैध रेत खनन पर पूरी तरह लगाम लगाया गया है। खनिज विभाग की इस तरह की पहल पर उन लोगों का भी मुंह बंद हो गया। जो ये कहते थे कि खनिज विभाग ने अवैध रेत खनन का कारोबार करने वाले पर कार्यवाही केवल औपचारिक मात्रा है, फिर वही सिलसिला शुरू हो जाएगा। खनिज विभाग की ऐसी पहल को देखकर वे भी मौन हो गए है और अवैध रेत खनन कारोबारी का काम भी पूरा तरह ठप पड़ गया है। इस तरह से खनिज विभाग की कार्यवाही का नदी प्रेमी भी बहुत खुश दिखाई दे रहे है। विकासखंड की अन्य अवैध रेत खदानों में भी इस प्रकार की कार्यवाही की अपेक्षा ग्रामीणों की है।