गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। रबी फसल के उत्पादक किसानों में इन दिनों दुविधा के चलते अपने स्वयं के साधन यानी बोर के पानी से सिंचाई कर फसल लेने वाले कृषक जोर-शोर से कटाई में लगे है वहीं नहरों से सिंचाई कर उत्पादन करने वाले किसानन विलंब से पानी मिलने और 10 मई तक नहरों में पानी के कारण मई अंत तक धान काटने के विलंब के कारण रोज रोज के मौसम परिवर्तन के कारण दुखी है। कृषकों ने बताया कि मौसम की आंख मिचौली से जहां बोर पानी वाले फसल काटने में दुविधा महसूस कर रहे है वहीं बोर पानी वाले इस समय वर्षा के कारण खेत गीला होने और ठंडकता के कारण फसल में लग रही बीमारी के कारण फिर दवाई के खर्च के कारण तनाव में हैं। रबी फसल में इस साल स्वयं के साधन बोर में धान अधिक मात्रा में किसान लगाए हुए है जो पक कर पूरी तरह से तैयार हो चुका है वहीं नहर पानी में धान लगे फसल की कटाई में अभी काफी समय बाकी है इन दोनों रवि फसल की कटाई एवं रख-रखाव का काम जोरों से चल रहा है मशीनी युग में भी कई जगहों पर ऐसी समस्या उत्पन्न हो गई है की बेमौसम बारिश के कारण धान पक तो गया है परंतु खेत गीला है। किसान बेबस होकर हाथ से काम ले रहे है अत्याधिक गर्मी के चलते फसलों में भूरा माहू का प्रकोप बढ़ गया है वो फसल को नष्ट कर रहे है जिसके कारण खेत अभी तक सुख नहीं पाया है जिसके कारण हार्वेस्टर से कटाई कर पाना संभव नहीं हो रहा है 42-43 डिग्री के तापमान में भी किसी तरह किसान हाथ से धान कटाई का काम इसी वजह से कर रहे है इधर मौसम में रोज उतार चढ़ाव हो रहा है कभी घटा तो कभी बिजली हवा तूफान देख किसान काफी चिंतित हो रहे जैसे तैसे रवि की कटाई को पूरा कर निवृत्ति होने की उम्मीद में किसान लगे हुए है मजदूर समय पर मिल नहीं रहा है इस कारण काम में विलंब हो रहा है। अच्छे उत्पादन के बाद भी आंखो के सामने फसल की क्षति होते देखने किसान मजबूर है।
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