
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। विकासखंड में रेत माफिया के तेवर इतने बुलंद एवं बेखौफ हो गए है कि अवैध रूप से रेत खनन में लाखों रूपए प्रतिदिन की कमाई के आगे उन्हें न कलेक्टर का फरमान डीका पा रहा है, न खनिज अधिकारियों की कार्यवाही का उन्हें खौफ है। फिंगेश्वर विकासखंड की चौबेबांधा-सिंधौरी रेत खदान के पहुंच मार्ग में इतनी बड़ी एवं लंबी चौड़ी दीवाल बना दी गई है कि खनिज विभाग द्वारा जिला प्रशासन के निर्देश पर इस कार्यवाही से माना जा रहा है कि इन दोनों स्थानों पर लंबे समय से दिन रात 24 घंटे मनमाने स्तर पर किए जा रहे रेत उत्खनन एवं अवैध परिवहन पर रोक लग सकती है। इसी की तर्ज पर फिंगेश्वर विकासखंड की परसदाजोशी रेत खदान में रेत माफियों से निपटने ग्रामीणों ने भी रेत माफिया द्वारा परिवहन हेतु बनाए गए रास्ते को तोड़ दिया उन्हें लगा कि इससे रेत में मनमाने ढंग से हो रहा अवैध खनन परिवहन के न होने से रूक जाएगा। बताया जाता है कि रेत माफिया के गुर्गे ग्रामीण द्वारा खोदे गए रास्ते से अलग फिर से रास्ता बनाकर पुनः दिन रात 24 घंटे चैन माऊंटिंग से खनन एवं वाहनों में लोडिंग कर रेत का काला धंधा फिर शुरू कर दिया है। इसे रेत माफिया दुःसाहस कहा जाए या जिला प्रशासन खनिज विभाग एवं ग्रामीणों के खिलाफ भ्रष्टाचार की राह पर जो करना है वह करने की रेत माफिया की हठधर्मीता। परसदाजोशी पंचायत की महिला सरपंच सुनीता वेनराज सोनी के साथ 8-10 महिलाओं ने 14 मई मंगलवार को जिला कलेक्टर से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन दिया कि गांव में मनमाने ढंग से हो रहे अवैध रेत उत्खनन एवं परिवहन को रोकने पंचायत द्वारा नदी जाने के रास्ते को तोड़ दिया गया था। महिलाओं ने नामजद रिर्पोट में जिलाधीश को ज्ञापन में कहा गया है कि रेत माफिया ने फिर से रास्ता बनाकर पहले जैसा मनमाने रेत का उत्खनन कर परिवहन करना शुरू कर दिया है। इससे न सिर्फ पंचायत की बदनामी हो रही है बल्कि मनमाने परिवहन एवं बड़ी बड़ी हाईवा के आवागमन से गांवो का यातायात काफी खतरा उत्पन्न कर रहा है। गर्मी के छुट्टी में दिनभर बच्चें रोड में खेलते रहते है। इन वाहनों के तेजी से एवं मनमाने संख्या में चलने से हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। साथ ही इस प्रकार के अवैध धंधे में गांवों की भागीदारी का दुष्प्रचार किया जाता है। महिला सरपंच ने बताया कि ज्ञापन को देखकर कलेक्टर ने उचित कार्यवाही किए जाने का आश्वासन दिया है।