लोंगो के मन में डर बनाकर जबरन मकान खाली करने पर किया जा रहा विवश

मलगांव और अमगांव को खाली कराने सीआईएसएफ की दादागिरी

ग्रामीणों ने किया विरोध – 27 को विधायक करेंगे खदान क्षेत्र का निरीक्षण

रिपोर्ट/जावेद अली आज़ाद
दीपका/गेवरा (गंगा प्रकाश)।
कोयला उत्पादन के अपनी लक्ष्य को हासिल करने के लिए दीपका परियोजना के अधिकारी किसी भी हद तक जा रहे हैं।जमीन संकट को दूर करने के लिए गांव में सीआईएसएफ और त्रिपुरा रायफल्स के जवानों का मार्च पास्ट तक कराया जा रहा है। जिससे की भयभीत होकर होने वाली विरोध पर काबू किया जा सके।यही नही भूविस्थापितों की ओर से  मुआवजा लेने से इनकार कर दिए जाने और मकान खाली नही करने के बाद उनको डराने धमकाने का काम किया जा रहा है।ऐसे भूविस्थापित जो नौकरी कर रहे हैं,उनको गांव को तोड़वाने के लिए धमकी देकर  परेशान किया जा रहा है। दिन में ग्रामवासियो के विरोध के कारण मिट्टी हटाने का काम बंद हो जाता है। इसलिए रात के अंधेरे में मशीन लगाकर मिट्टी की कटाई किया जाता है, कोयला उत्खनन के लिए जमीन नही होने का हवाला देकर, और गलत जानकारी देकर जिला प्रशासन को अपने झांसे में लेकर खदान को आगे बढाने का काम किया जा रहा है ।

दीपका परियोजना से प्रभावित ग्राम मलगांव की परिसम्पत्तियों का मुआवजा का मामला विवादित है।और सुर्खियों में बना हुआ है, यहां पर जबरदस्ती मकान खाली कराने के लिए कई हथकंडे अपनाए जा रहे हैं,वहीं दूसरी ओर SECL गेवरा क्षेत्र में अर्जित ग्राम अमगांव के आश्रित मोहल्ला दर्राखांचा के मकानों का नापी पूर्ण किया जा चुका है। किंतु नापी का मूल्यांकन पावती देने में आनाकानी किया जा रहा है।क्योंकि प्रबन्धन मुआवजा में कटौती करना चाहता है,जिसका भारी विरोध से सामना करना पड़ेगा ।

▪️ जोकाही डबरी का 10 सालो से लटका पड़ा है मुआवजा

ग्राम पंचायत – अमगांव के एक मोहल्ला जोकाही डबरी के मकानों का 2014- 15 में मूल्यांकन किया गया था,जिसका राजस्व विभाग के द्वारा बेवजह अपात्र घोषित कर दिए जाने का खामियाजा भुगत रहे है ग्रामीण  भूविस्थापितों को आज तक मुआवजा का भुगतान नहीं हो पाया है। जिसके खिलाफ जनवरी माह से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। यहां के 93 लोंगो की मुआवजा लम्बित हैं, और प्रबन्धन व प्रशासन एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोप रहे हैं। कल यहां के जोकाही तालाब का मेड़ रात के अंधेरे में काट दिया गया जिसके विरोध में ग्रामीणों के द्वारा खदान विस्तार को रोक दिया गया है।

▪️ लकवाग्रस्त पिता और अपाहिज पुत्र के मकान को ध्वस्त करने लिए डाला गया  दबाव

हरिश्चंद्र महिलांगे नामक ग्रामीण एक दुर्घटना के कारण पैर से अपाहिज हो चुका है।और कोई रोजगार नही होने के कारण अपनी परिवार की जीवनयापन से परेशान है, उसके पिता लकवाग्रस्त होने के कारण खाट पर पड़े रहते है, उनकी खाना पखाना की समस्या से अलग जूझ रहे परिवार के मकान का मुआवजा नही के बराबर बनाये जाने के कारण मुआवजा राशि को बढाने की मांग कर रहा है। किंतु उसके मकान के चारों ओर से खोद कर मकान खाली करने के लिए विवश किया गया जा रहा हैं ।और मजबूरन उसने अजाक थाने में न्याय के लिए गुहार लगाई है ।

27 मई को क्षेत्रीय विधायक खनन क्षेत्र का करेंगे निरीक्षण

भूविस्तापितों की ओर से अपनी रोजगार, मुआवजा और बसावट की समस्याओं को लेकर परेशानी को ध्यान में रखते हुए ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष के साथ क्षेत्रीय विधायक प्रेमचंद पटेल मलगांव व अमगांव के खनन क्षेत्र का निरीक्षण करेंगे।और लोंगो से सीधे मुलाकात कर उनकी समस्याओं का समाधान कराने की दिशा में कार्यवाही की जाएगी ।

सुरक्षा मापदण्डो का पालन कराने महानिदेशक को शिकायत करने का निर्णय

ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने कहा है,कि गांव के मकानों से महज 15 मीटर दूरी में खनन करने और खनन के लिये भारी विस्फोटक का उपयोग करने , डेंजर जोन में फेंसिंग कर सुरक्षित नही कर निवास क्षेत्र के दायरे में खनन कार्य जैसी विषयों को लेकर सुरक्षा महानिदेशालय धनबाद को शिकायत किया जाएगा। और जरूरत पड़ी तो कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया जायेगा ।

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