
बेमेतरा । सृजन का आधार मासिक धर्म है लेकीन यह शब्द सुनते ही असहज हो जाते हैं महावारी के साथ शर्म का ताना बाना बुना गया है की महिलाए अपनी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को बताने में असहज महसूस करती हैं अस्वच्छ प्रबंधन का महिलाओ पर बुरा प्रभाव पड़ता है इन्ही कारणों को ध्यान में रखते हुए जिला बेमेतरा के परियोजना नांदघाट सेक्टर कुरा के सभी 28 आगनवाड़ी केंद्रों पर आज आज जिला अधिकारी चंद्रवेश सिंह सिसोदिया एवं परियोजना अधिकारी श्रीमती जय नामदेव के निर्देशानुसार विश्व महावारी स्वच्छता दिवस का आयोजन किया गया ।
जिसमे सेक्टर के लगभग 700 महिलाओ एवं किशोरी बालिकाओं को स्वच्छ मासिक प्रबंधन के लिए शिक्षित किया गया प्रेरणा गीत और कविताओं से उनका उत्साह वर्धन किया गया उन्हे मासिक धर्म क्या है और इसे आज ही क्यों मनाया जाता है और साथ ही एक स्वच्छ मासिक प्रबंधन क्या है बहुत सरल सहज तरीके से समझाया गया उन्हें बताया गया कि वर्ष 2014 से हर साल 28मई को यह दिवस मनाया जाता है ।
28 मई इसलिए चुना गया कि महिलाओं में सामान्यतः मासिक चक्र आने की अवधि 28 से 35 दिन के भीतर होती है महिलाओं के जीवन में मासिक धर्म अहम स्थान रखता है यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है इसकी शुरुआत 11से 12 वर्ष मे होती है और 45 से 50 वर्ष की आयु तक हर महीने महिलाओं को महावारी से गुजरना पड़ता है महावारी एक ऐसी प्रक्रिया है जो शारीरिक रूप से महिलाओं को गर्भधारण के लिए तैयार करती है किशोरावस्था के दौरान बालिकाओं को शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं जिससे कई परेशानी का सामना भी करना पड़ता है जैसे अत्यधिक महावारी अत्यधिक रक्तस्राव दर्द कमजोरी और भावनात्मक परिवर्तन होते हैं इसके संक्रमण से बचाव के लिए महावारी के दौरान स्वच्छता का ध्यान रखना बेहद जरूरी है आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं मितानिन दीदी के माध्यम से बालिकाओं को सेनेटरी पैड उपलब्ध कराया जाता हैं। अक्सर महावारी में महिलाएं कपड़े या पेड़ का उपयोग करती हैं विशेषज्ञों के अनुसार कपड़े के बजाय पैड स्वच्छ और सुविधाजनक होता है इससे संक्रमण का खतरा नहीं होता है इसकी महत्ता को देखते हुए सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत सेनेटरी नेपकिन का निर्माण स्व सहायता समूहों के द्वारा किया जाता है इससे महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत भी किया जाता हैं हमने बालिकाओं से अक्षय कुमार की फिल्म पैड मैन के बारे मे। चर्चा किया जिससे महावारी से जुड़ी समस्या रोग निवारण पर विस्तार पूर्वक बातें हुई अब इस विषय पर बालिकाओं को झिझकना नहीं है और एक स्वच्छ एवं स्वस्थ आदत का निर्माण करना है और इसी संकल्प के साथ महावारी स्वच्छता दिवस के कार्यक्रम का समापन्न रानू मिश्रा पर्यवेक्षक कुरा के द्वारा किया गया।