नए शिक्षा सत्र का शुभारंभ पूरी तैयारी से एवं पूरी कार्य योजना बनाकर की जावें-एसडीएम अर्पिता पाठक

आरटीई के तहत चयनीत विद्यार्थियों का करें भौतिक सत्यापन

गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। आगामी माह में 16 जून को नई सत्र की शालाएं प्रारंभ की जानी है। इसके लिए स्कूलों की तैयारी छात्रों के प्रवेश आरटीआई के विद्यार्थियों के प्रवेश आदि पर चर्चा करते हुए फिंगेश्वर-राजिम अनुविभाग की एसडीएम अर्पिता पाठक ने कहा कि शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने से पहले कार्य योजना बनाकर सभी प्राचार्यो को आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। आगामी 16 जून से शत-प्रतिशत स्कूलों में प्रवेश उत्सव मनाने तथा पाठ्य-पुस्तक, गणवेश एवं साइकिल वितरण कराने को कहा गया है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को शिक्षा के स्तर और बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास करने तथा नवाचार को अपनाने के निर्देश दिए गए है। उन्होंने कहा कि बच्चों के विकास और भविष्य के लिए पढ़ाई का होना बहुत जरूरी माना गया है और उन्हें शिक्षा स्कूलों से प्राप्त होती है। स्कूल कई प्रमुख तरीकों से बच्चों के संज्ञानात्मक और शैक्षणिक विकास में योगदान देते है। बच्चों का विकास करना और उनकी क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रत्येक शिक्षक और प्राचार्य की जिम्मेदारी है। बच्चे के उज्जवल भविष्य के लिए यह बेहद जरूरी है कि पढ़ाई-लिखाई के साथ साथ वह अन्य गतिविधियों में भी सक्रिय रहे। एसडीएम अर्पिता पाठक ने कहा कि परीक्षा में बेहतर परिणाम के लिए बालक-बालिकाओं के साथ साथ शिक्षकों को मेहनत करने की आवश्यकता है। शिक्षा के स्तर में सुधार और परीक्षा परिणाम बेहतर हो इसके लिए बच्चों के साथ साथ शिक्षको को भी मेहनत करनी होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार (आरटीई) का सत्यापन शिक्षकों के द्वारा किया जाता है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को आरटीई का लाभ मिल सके यह सुनिश्चित करें। एसडीएम ने शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए स्कूल के अध्यापकों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि बच्चों को उनके पाठ्यपुस्तकों से पढ़ाई कराएं, बच्चों को कुंजी से पढ़ाते हुए कोई अध्यापक पाए जाने पर उस पर कार्यवाही की जाएगी। साथ ही शिक्षकों को बच्चों को विषयवार नोटस बनाने प्रेरित करने को कहा। जो सफलता व ज्ञान पाठ्यपुस्तक से मिल सकती है वह ज्ञान कुंजी से नहीं मिल सकता है। स्कूलों के प्राचार्य से परिणामों में कमियों को संज्ञान लिया और परीक्षा परिणाम पूर्व वर्ष के परिणामों से बेहतर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कमजोर बच्चों पर विशेष ध्यान देने को कहा। इसके लिए बच्चों का वर्गीकरण किया जाए, ताकि पता चल सके कौन सा बच्चा पढ़ाई में उत्तम है मध्यम है और कौन सा बच्चा कमजोर है उस आधार पर उसको गाईड लाइन देना है। उन्होंने कहा संवाद सबसे अच्छा माध्यम है एक शिक्षक का संवाद जितना अच्छा रहेगा बच्चे और शिक्षक की दूरिया उतनी ही कम होगी। बच्चे खुलकर विषयवार अपनी समस्या बता सकेंगे। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों को सभी शासकीय एवं निजी स्कूलों में आधार कार्ड बनाने के लिए शिविर लगाने को कहा, ताकि स्कूल में भर्ती के समय आधार कार्ड से संबंधित समस्या न आए। एसडीएम ने आरटीई के तहत दिए गए प्रवेश में से लगभग 10 प्रतिशत बच्चों के ड्रॉप आउट होने पर चिंता प्रकट की तथा विद्यालयवार इसकी समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्कूलों से ड्रॉप आउट बच्चों से शाला त्यागने की वजह को जानकर उनकी समस्याओं का समाधान करवाने पहल करने को कहा। उन्होंने स्कूल के प्राचार्य को इसके लिए विशेष प्रयास करने हेतु निर्देशित किया है। एसडीएम ने कहा कि बच्चें स्कूल क्यों नहीं आ रहे इसकी जानकारी स्कूल के प्राचार्य को होनी चाहिए। सभी स्कूलों का संचालन समय सारिणी के अनुरूप हो यह सुनिश्चित करें। साथ ही शासकीय एवं निजी स्कूल के शिक्षक और प्राचार्य विद्यालय समय पर पहुंचे इसका विशेष ध्यान रखे। एसडीएम ने कहा कि निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्रत्येक बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। सभी बच्चों को शिक्षा का अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि निजी विद्यालयों में आरटीई के तहत कोई भी बच्चा प्रवेश करता है तो उसके साथ वैसा ही व्यवहार करें जिस प्रकार सामान्य तौर पर प्रवेशित बच्चों के साथ व्यवहार करते है। उन्होंने कहा कि अधिनियम के तहत प्रवेशित कुछ बच्चे पढ़ाई के मध्य में ही विद्यालय का त्याग कर देते है परंतु उन विद्यार्थियों का नाम पोर्टल में प्रदर्शित होता रहता है। ऐसी स्थिति में संबंधित विद्यालय के द्वारा उन विद्यार्थियों को ड्रॉप आउट मार्क किया जाना अनिवार्य है।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *