गरियाबंद/फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)। क्षेत्र में रबी धान फसल की कटाई अंतिम चरण पर है। नहरों के पानी से रबी फसल लेने वाले गिनती के किसानों की धान फसल की कटाई शेष है। इधर मौसम को देखते हुए किसान खरीफ तैयारी में जुट गए है। खेती किसानी करने के लिए किसान बैंकों से कर्ज ले रहे है। अब तक फिंगेश्वर जिला सहकारी बैंक की कोपरा, राजिम एवं फिंगेश्वर से किसानों ने 25 करोड़ से अधिक ऋण ले लिया है। रबी सीजन में लेट-लतीफी एवं नहरों के पानी से धान बोने वाले कुछ किसानों की धान फसल की कटाई-मिंजाई अब तक पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे किसान कटाई में पिछड़ गए है। अंतिम चरण पर कटाई-मिंजाई चल रही है। दूसरी ओर नौतपा शुरू होने के बाद किसान अब खरीफ फसल की तैयारी में जुट गए है। क्योंकि मई माह के समाप्त होने के बाद जून के प्रथम सप्ताह से ही मौसम में बदलाव शुरू हो जाता है। ऋण लेने का सिलसिल विकासखंड की कोपरा, राजिम एवं फिंगेश्वर सहकारी बैंको में जारी है। वहीं खरीफ के लिए खाद व धान बीज का स्टाक आ चुका है। किसान इसे खरीद भी रहे है। 08 या 10 जून से अंचल में आंधी तुफान और बारिश का दौर शुरू होता है। ऐसे में किसान खरीफ की तैयारी में जुट गए है। बोर सिंचाई सुविधा वाले संपन्न किसान जल्द ही सबसे पहले अपने खेतों में रोपाई के लिए धान की नर्सरी लगाएंगे। खरीफ धान फसल लेने के लिए किसान अपने खेतों की साफ सफाई में जुट गए है। कुछ किसान अपने खेतों में गोबर खाद के उर्वरक भी डाल रहे है। उल्लेखनीय है कि इस साल रबी सीजन के उत्पादित धान को अधिकांश किसान मंडी नहीं होने के चलते खुले व्यापारियों को औने पौने रेट में धान बेचने के लिए मजबूर है। क्योंकि रवि फसल का रकबा बढ़ने से क्षेत्र के किसानों को रबी फसल की मंडी खुलने का बेसब्री से इंतजार था ताकि वे अपना धान सही रेट बेच सकें परंतु फिंगेश्वर लाखों रूपए खर्च कर बनाई गई कृषि उपज मंडी प्रांगण मात्र सहकारी बैंक की खरीफ फसल का खरीदी केन्द्र बनकर रह गया है।
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