
छुरा (गंगा प्रकाश)। बिरसा मुंडा के शहादत दिवस पुण्यतिथि के अवसर पर पोस्ट मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास परिसर छुरा में भगवान बिरसा मुंडा बढा़देव की प्रतिमा पर पूजा अर्चना कर पीला चावल अर्पण कर आदिवासियों ने माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि देकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया।इस अवसर पर सर्व आदिवासी समाज गरियाबांद के प्रांतीय उपाध्यक्ष व जिला अध्यक्ष गरियाबंद नीलकंठ ठाकुर ने कहा कि देश के स्वतंत्रता आंदोलन में अंग्रेजी हुकूमत के विरूद्ध बिरसा मुंडा ने अपने अधिकार स्वाभिमान एवं जनजातीय संस्कृति की रक्षा के लिए शोषण के विरुद्ध आंदोलन का बिगुल फूंका था।उनके आंदोलन के कारण ही उन्हें स्वतंत्रता सेनानी व जन नायक की उपाधी मिली थी।महज कम उम्र में उन्हें ईश्वरीय शक्ति प्राप्त थी जिसके कारण रोगियों पीडि़तो के उपर हाथ फेरने मात्र से ठीक होने कारण जनजाति समाज ने भगवान का दर्जा दिया।आज आदिवासी समाज उन्हें भगवान की तरह पूजते है।

समाजसेवी शीतल ध्रुव ने कहा कि नौ जून को उनकी शहादत देश की आजादी के संघर्ष के लिए हमेशा स्मरणीय रहेगा।भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि के अवसर पर आदिवासियों ने माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनके पदचिन्हों पर चलने का आव्हान किया।

रोमन ठाकुर ने कहा कि शौर्य एवं पराक्रम के परिचायक अत्याचार,अन्याय,शोषण व अंग्रेजों की निरंकुशता के विरुद्ध जल,जंगल,जमीन एवं आदिवासी अस्मिता की अलख जगाने वाले कम उम्र के महान स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा हमारे आदर्श हैं।
युवा सामाजिक कार्यकर्ता पुनितराम ठाकुर ने बिरसा मुंडा के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए अपने उदबोधन में कहा की बिरसा मुंडा हमारे समाज के ही नही पूरे देश का गौरव हैं।
वही समाज के युवा कार्यकर्ता संतोष सोरी ने कहा कि वीर सपूत के वीरता को कभी नही भुलाया जा सकता।इस अवसर पर गोपी साहू,भीषम सेन पान सिंह सोरी व जनजाति समाज के सामाजिक पदाधिकारी एवं छात्र छात्राए बडी़ संख्या में उपस्थित हो कर विनम्र अभिवादन के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की।