मानवता की शिक्षा प्रदान करने भगवान लेते हैं अवतार – पं० राहुल दुबे

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

रायपुर (गंगा प्रकाश)। उत्तराखंड में स्थित चारों धामों में से एक धाम बद्रीनाथ में भगवान बद्रीनाथ की कृपा से श्रीमद् भागवत महापुराण सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन 13 जून 2024 से 19 जून 2024 तक शंकराचार्य शिष्य मंडली हिंगलाज सेवा के द्वारा आयोजित किया गया है। इसके कथाव्यास छत्तीसगढ़ के पं० राहुल दुबे और परायण कर्ता भूपेंद्र दीवान हैं। इस कथा में आज वृत्तासुर का पावन चरित्र , प्रहलादजी का चरित्र , गजेंद्र मोक्ष की कथा , समुद्र मंथन की कथा , वामन अवतार की कथा एवं संक्षिप्त राम कथा और उसके तत्पश्चात भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की कथा का भक्तों ने श्रवण किया। आचार्य श्री ने कहा कि भगवान कृष्ण का अवतार इसलिये होता है जब धर्म की हानि होती है और अधर्म बढ़ने लगता है। गौ ब्राह्मण पृथ्वी पर अत्याचार होता है , तब पृथ्वी माता गौ का रूप धारण करके भगवान के पास समस्त भक्तों के दुख दुख को दूर करने की प्रार्थना करती है और अपने ऊपर के समस्त भार को हरने के लिये भगवान से कहती है। पृथ्वी रुपी गौ माता की करूण पुकार को सुनकर भगवान उन्हें सांत्वना प्रदान करते हुये वचन देते हैं कि मैं पृथ्वी पर अवतार लूंगा और समस्त भक्तों के दुख को दूर करूंगा एवं समस्त दूष्टो का संघार करूंगा और इस वचन को पूर्ण करने के लिये भगवान देवकी  और वसुदेव के पुत्र के रूप में कंस के कारागार में अवतार लेते हैं। क्या असुर को मारने के लिये भगवान का अवतार होता है ?  ऐसा होता तो भगवान को अवतार लेने की आवश्यकता ही क्या है , वे तो अपने धाम पर बैठे बैठे भ्रूकुटी टेड़ी करते ही समस्त असुरो का संहार हो जाये। वास्तविक में तो भगवान अवतार इसलिये लेते हैं कि मनुष्यों को मानवता की शिक्षा प्रदान कर सके। जैसे रामजी ने अपने जीवन में मनुष्य से लीला करते हुये मर्यादित रहते हुये संपूर्ण मानव जाति को ज्ञान प्रदान किया जो आज संपूर्ण जगत में व्याप्त है। कथा में श्रीमती चन्द्रकला तिवारी , निक्की तिवारी , राजेश शर्मा ,  कविता शर्मा , रश्मि दुबे , बसंत पाण्डेय , प्रभाती पाण्डेय सहित असंख्य श्रद्धालु उपस्थित थे।

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