
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। राजिम अनुविभाग की एसडीएम अर्पिता पाठक ने 1 जुलाई से लागू होने वाले नए कानून के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि नवीन भारतीय न्याय संहिता आम जनता को न्याय दिलाने के लिए बनाया गया है जिससे आम जनता एवं पीड़ित को न्याय मिलने में विलंब न हो और इसके अंतर्गत पुलिस एवं न्यायालय के लिए भी समय निर्धारित किया गया है नये कानून के अंतर्गत महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित अपराध के लिए अलग अगल क्लीरिफिकेशन करते है परिभाषा को एकजाई किया गया है जिसमें बच्चों की परिभाषा दी गई है कि बच्चा कौन है महिलाओं से संबंधित अपराधों में दण्ड का प्रावधान करते हुए महिलाओं से संबंधित अपराधो को कठोर बनाया गया है। किसी भी अपराध में गवाह का फोटो एवं वीडियोग्राफी की जायेगी जिसे न्यायालय में मान्य होगा जिससे पीड़ित को न्याय मिलने में आसानी होगी। उन्होंने बताया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के अंतर्गत कही अपराध होता है और आप वहां उपस्थित नहीं है उस स्थिति में आप जहा कही भी हो वही नजदीकी थाना से एफआईआर करना पुलिस का दायित्व है वह इनसे इंकार नहीं करेगा साथ ई एफआईआर के अंतर्गत आप घर में चोरी या घटना दुर्घटना होती है तो आप रजिस्ट्रेड ई मेल के माध्यम से पुलिस के रजिस्ट्रेड ई मेल या वाट्सअप के माध्यम से सूचना भेज सकते है और तीन दिवस के भीतर अंदर संबंधित थाने में उपस्थित होकर हस्ताक्षर करना अनिवार्य होगा। एसडीएम अर्पिता पाठक ने कहा कि नये कानून भारतीय न्याय संहिता में महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित अपराधों में अपराधी को कठोर दंड का प्रावधान दिया गया है। साथ ही कहा गया कि हम सभी एक समाज में रहते है तो हम सभी का कर्तव्य है कि समाज में रहकर कानून के नियमों का पालन करें।