कल गोरक्षा दिवस के रूप में मनाया जायेगा श्री करपात्रीजी जयंती

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

रायपुर(गंगा प्रकाश)। गोरक्षा आन्दोलन के सूत्रधार , धर्मसापेक्ष राजनीति के प्रणेता , भारत अखण्ड हो इस उद्घोष के साथ आध्यात्मिक क्रांति के प्रेरणास्त्रोत , यज्ञयुगप्रवर्तक , धर्मसंघ , रामराज्य परिषद् के संस्थापक , मार्क्सवाद एवं रामराज्य , वेदार्थ पारिजात , भक्तिसुधा , रामायण मीमांसा , विचारपीयूष जैसे महान एतिहासिक ग्रंथों के रचयिता शास्त्रार्थ महारथी अभिनवशंकर के उपाधि से अलंकृत धर्मसम्राट स्वामीश्री करपात्रीजी महाराज (स्वामी श्रीश्र हरिहरानन्द सरस्वतीजी महाराज) की 117 वीं प्राकट्य महोत्सव कल छह अगस्त मंगलवार श्रावण शुक्ल द्वितीया को गोरक्षा दिवस के रूप में उत्साहपूर्वक पूरे देश में मनाया जावेगा , इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिला इकाईयों में विभिन्न कार्यक्रम सम्पादित होंगे। इस पुनीत अवसर पर गोवर्धनमठ पुरी पीठाधीश्वर अनन्तश्री विभूषित श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामीश्री निश्चलानन्द सरस्वतीजी महाराज की पावन कृपा एवं प्रेरणा के फलस्वरूप जन कल्याणार्थ , गौ संरक्षण , पर्यावरण शुद्धि , सनातन संस्कृति संरक्षणार्थ , सामूहिक रूद्राभिषेक शिव आराधना , वृक्षारोपण , फल प्रसाद वितरण , रामायण पाठ सत्संग , प्रवचन संगोष्ठी , भजन संकीर्तन का भव्य कार्यक्रम रखा गया है। धर्मसंघ , पीठपरिषद आदित्यवाहिनी – आनन्दवाहिनी , राष्ट्रोत्कर्ष अभियान , हिन्दू राष्ट्रसंघ सनातन संत समिति की ओर से अपील की गई है कि सभी सनातन धर्मप्रेमी भक्तवृन्द कार्यक्रम में सहभागी बनकर धर्म एवं राष्ट्र रक्षा अभियान से जुड़कर जीवन को धन्य बनावें। प्राकट्य महोत्सव का मुख्य आयोजन पूज्यपाद गुरुदेव भगवान के दिव्य सानिध्य में गोवर्धनमठ पुरी में होगा , आप सभी श्रीगोवर्धनमठ पुरी के यूट्यूब चैनल और फेसबुक के माध्यम से पुरी शंकराचार्यजी के श्रीमुख से प्रसारित अमृतवाणी श्रवणकर पुण्य लाभ प्राप्त करें। इस अवसर पर श्रीगोवर्द्धनमठ पुरी मठ से संबद्ध संस्थान शिवगंगा आश्रम प्रयागराज ; हरिहर आश्रम वृन्दावन ; दक्षिणामूर्ति मंदिर अस्सीघाट वाराणसी ; श्रीविमलाम्बा संस्थान एवं श्रीसुदर्शन संस्थानम् रायपुर छत्तीसगढ़ में भी विविध कार्यक्रम आयोजित है। श्रीसुदर्शन संस्थानम , पुरी शंकराचार्य आश्रम / मीडिया प्रभारी अरविन्द तिवारी ने कहा है कि सर्वभूतहृदय यतिचक्रचूड़ामणि धर्मसम्राट स्वामी करपात्रीजी के जयंती पर उनके संदेशों को प्रसारित करने का अवसर है जिससे कि उनकी संकल्पना के अनुरूप राजसत्ता के द्वारा रामराज्य की स्थापना हो एवं देश में धर्मनियन्त्रित , पक्षपातविहीन , शोषणविनिर्मुक्त , सर्वहितप्रद शासतन्त्र स्थापना का मार्ग प्रशस्त हो।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *