
दंतेवाड़ा सुकमा बीजापुर तीनों जिलों के चिकित्सालय भगवान भरोसे चल रहे है ऐसा प्रतीत होता है की जिला चिकित्सालय नहीं समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हो – संजय पंत
जय प्रकाश ठाकुर
दंतेवाड़ा (गंगा प्रकाश)। सामाजिक कार्यकर्ता संजय पंत ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि। दंतेवाड़ा सुकमा बीजापुर यह तीनों जिलों के चिकित्सालय भगवान भरोसे चल रहे है। यह तीनों जिलों के अस्पतालों में कर्मचारियों की एवं समस्त चिकित्सा मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी देखा जा सकता है। चिकित्सक नर्स वार्डबॉय एवं एंबुलेंस चालकों की कमी है। नए भर्ती कर बिस्तार करने की अति आवश्यकता है, तीनों जिले में कर्मचारियाें व चिकित्सक नर्स, वार्डबॉय एवं एंबुलेंस चालकों की कमी के कारण ग्रामीण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है।् और विशेषज्ञ मरीजों को सेवा देने के लिए होते हैं,उनको दो-तीन प्रभार दीया जाता है, ऐसे में मरीजों को समय पर सेवा देंना कैसे संभव हो सकता है गंभीर विषय है। और वीआईपी ओं के दौरा के दौरान चिकित्सक, वार्ड बॉय,एंबुलेंस चालकों की ड्यूटी लगा दी जाती है, स्टॉप की कमी के बावजूद भी। वीआईपी ड्यूटी करना अनिवार्य कर दिया जाता है,जिसके कारण ग्रामीण मरीजों को समय पर इलाज नहीं हो पाते हैं।तीनों जिले एकदम अती पिछड़ा एवं राज्य के अंतिम छोर पर स्थित है, इसलिए इसे गंभीरता से लेते हुए आधुनिक उपकरणों से लेस कर कर्मचारियों की जल्द भर्ती एवं नियुक्त होनी चाहिए,और हर इलाज के आधुनिक सुविधा ओं से लेस करवाने की आवश्यकता है, ताकि इलाज कराने आए ग्रामीण मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े और सभी प्रकार की बीमारियों का संपूर्ण इलाज हो सके।
छ,ग के मुख्य भूपेश बघेल के तीनों जीलों में प्रवास के दौरान स्वास्थ्य संबंधित सुविधाओं की घोषणा करने की ग्रामीणों को बड़ा उम्मीदथी।
सामाजिक कार्यकर्ता संजय पंत ने आगे कहां की दंतेवाड़ा सुकमा बीजापुर इन तीनों जिलों में छ,ग के मुख्या भूपेश बघेल के, ग्रामीणों से भेंट मुलाकात करने हेतु दौरा के दौरान भूपेश बघेल से हर जिलों के ग्रामीणों ने यह विश्वास के साथ बड़ा उम्मीद लगाये थे की स्वास्थ्य संबंधित हर मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने की घोषणा करेंगे। परंतु देव गुड़ी और गोठान तक ही सिमट कर रह गए। ऐसे में “गढ़बों नवा छत्तीसगढ़” निर्माण कैसे संभव हो सकता है। नवा छत्तीसगढ़ निर्माण करने हेतु छत्तीसगढ़ बस्तर के हर जिलों में हर जिलों के हर विकासखंडों में हर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने होंगे और हर विकासखंड के हर ग्राम पंचायतों में हर मूलभूत सुविधा मुहैया करवाए जाने होंगे। उसके बाद ही नवा छत्तीसगढ़ निर्माण करने का सपना जो ग्रामीण जनताओं को दिखाया जा रहा है सभाओं में भाषण के द्वारा वह सपना जनता के हित में माना जा सकता है। और यहां सपना तब पूरा होगा जब बस्तर संभाग के पूरे जिलों में पूरे विकासखंडों में समस्त ग्राम पंचायतों में हर मूलभूत सुविधा युक्त ग्राम पंचायत होंगे। सरकार को इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।
सरकार ग्रामीण जनता को लाभ पहुंचाने हेतु जिला चिकित्सालयों में निम्न सुविधाओं की आवश्यकताएं हैं उसे ध्यान दें।
सामाजिक कार्यकर्ता संजय पंत ने, सरकार को ध्यान आकर्षित करने हेतु आगे कहा कि। जिला चिकित्सालयों में निम्न सुविधाओं की आवश्यकता है। सरकार को गंभीरता से लेने की जरूरत है और ध्यान देने की। जिला चिकित्सालयों में (1)अमर लैब योजनाओं की शीघ्र शुभारंभ हो। और दंतेवाड़ा/बिजापुर/सुकमा में। तीनों जिला के जिला चिकित्सालयों में ही हो। (2) श्वसन रोग एवं क्षय रोग का भी होना चाहिए था। जबकि दंतेवाड़ा जिला गठन होकर लगभग 25 वर्ष पूरे हो गए, मगर आज पर्यंत तक एक भी श्वसन रोग क्षय रोग (चेस्ट) वाले विशेषज्ञ को नियुक्ति नहीं है जनरल मेडिसिन के द्वारा मरीजों को देखा जाता है खास पहले ही सब व्यवस्था होती तो ऐसे कई मरीजों की जान बचाई जा सकती थी।(3) चर्म रोग विशषज्ञ की कमी हमेशा बनी रहती है। दंतेवाड़ा/बीजापुर/सुकमा में शीघ्र नियुक्ति की आवश्यकता हैं।
4) मातृ एवं शिशु अस्पताल – की आवश्यकता है। कई वर्षों से मांग की जा रही है। सरकार गंभीर नहीं है ग्रामीण जनता ओं को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने के प्रति। जिला अस्पतालों में मातृ एवं शिशु अस्पताल नहीं होने के कारण हमेशा से रेफर सेंटर बंन कर रह गया है।,(5) जिला अस्पताल में मात्र एक सोनोग्राफी विशेषज्ञ होने के कारण कभी अर्जित अवकाश आकस्मिक अवकाश पर अन्य प्रभार पर होने से सोनोग्राफी के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है। मरीजों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। दो से अधिक विशेषज्ञों की आवश्यकता है।(6) आर्थो स्पेशलिस्ट -। मोटर दुर्घटना एवं अन्य घटना से सिर पर गंभीर चोट से कान तरफ से खून आ जाये, और उल्टी होती है तब ऐसे मरीजों को रेफर किया जाता है, इसीलिए हड्डी रोग विशेषज्ञ एक से अधिक की आवश्यकता है।
7) सर्प दंश एवं जहर सेवन से संबंधित मरीजों को रेफर कर दीया जाता है। इनकी पूर्णतः व्यवस्था जिला चिकित्सालयों में ही कि जाए। (8) देश के किसान और देश की रक्षा सुरक्षा में लगे जवान एवं समस्त बटालियन और जिला पुलिस बल की भी यही मांग है कि जिला अस्पताल दंतेवाड़ा में समस्त प्रकार के विशेषज्ञ आधुनिक उपकरणों से लेस एवं सुविधाओं युक्त हो तथा मरीजों की वार्ड बढ़ाई जाए ताकि बाहर जाने और भटकने की आवश्यकता ही ना हो।
कॉविड 19 मरीजों को रखने के लिए जिला चिकित्सालयों में हर सुविधा युक्त अलग से वार्ड की व्यवस्था की जाए।
सामाजिक कार्यकर्ता संजय पंत जी ने आगे कहा कि! पूरी दुनिया को हिला देने वाली महामारी बीमारी कोरोना कोविड-19 मरीजों को रखने हेतु हर जिला चिकित्सालयों में ही अलग से हर सुविधा युक्त वार्ड का व्यवस्था होनी चाहिए।नेगेटिव आने के बाद मरीजों को जनरल वार्ड में ही सिफ्ट किया जाता है इसलिए जिला अस्पताल में सारी सुविधा युक्त हो। मरीज को दंतेवाड़ा से रेफर करते हैं गीदम – गीदम से रेफर कर दिया जाता है चिकित्सालय महाविद्यालय डिमरापाल ले जाया जाता है, गंभीर मरीजों को यहां से वहां- घूमते घूमते मरीज और परिवार वालों का क्या हाल होता होगा यहां से वहां घूमाते ही मरीज तो निपट ही जाएगा और ऐसा ही होता है जान गंवाने पड़ते हैं।कहने का तात्पर्य यह है कि नौकरी करता है दंतेवाड़ा में, नहाता है जगदलपुर में, खाता है रायपुर में, सोता है बिलासपुर में यह कैसा आधुनिक विज्ञान भारत का निर्माण किया जा रहा है जो ग्रामीण मरीजों को सही इलाज कराने हेतु भटकने पढ़ रहे हैं और जान चले जा रहा है समझ से परे है। संजय पंत जी ने आगे कहा कि, हर जिले के जिला चिकित्सालयों में ही कोविड-19 वार्ड की व्यवस्था हो और ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट की व्यवस्था हो। और बवासीर, लकवा, मिर्गी एवं गठिया बाध तीनों जिलों में इसका अलग से विशेषज्ञ नहीं है आज के समय में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। चलने फिरने में असमर्थ मरीजों को दूर- दराज के अस्पतालों में इलाज के लिए हेतु भेजा जाना सही नहीं हैं। इसलिए हर जिला अस्पताल में ही सारी बीमारियों का इलाज हो और हर बीमारियों का इलाज का सुविधाएं हो।
बीजेपी कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टियों के राजनेताओं को हर सुख सुविधा जनता का टैक्स के पैसा से क्यों।
सामाजिक कार्यकर्ता संजय पंत जी ने आगे यह भी कहा कि। बीजेपी एवं कांग्रेसी जैसे राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टियों के नेता व जनप्रतिनिधि राजनेताओं को जनता का पसीने बहाकर कमाई के टैक्स के पैसों से मनचाहा ऐसो आराम आलीशान जिंदगी जीने के लिए खर्च किया जा सकता है तो। जनता का पैसों से ग्रामीण जनता को स्वास्थ सुविधा मुहैया क्यों नहीं हो पा रहा है।एंबुलेंस की तो दक्षिण बस्तर में हमेशा ही 102 और 108 पर कॉल करने पर यह बताया जाता है,की एंबुलेंस खाली नहीं है जानकारी के मुताबिक 7-8 एंबुलेंस सेवा दे रही है 1 या 2 हमेशा खराब बताई जाती है। जिले के प्रत्येक प्रा. स्वा. केंद्र/सामु. स्वा. केंद्र में एक – एक एंबुलेंस की व्यवस्था हो। ताकि जिले से बाहर लगे सभी ग्रामों को सेवा दे सकें। क्रमांक 5 से 6 तक की मांग कई बार करते आ रहे हैं। ऊंचे पदों में बैठे मोटी वेतन पाने वाले लोग और 5 साल में एक बार चुनाव के समय याद करने वाले सभी सज्जनों को सबको अवगत कराई जा चुकी है। और बड़े संविधानिक पदों पर बैठे वालों के द्वारा बताया जाता है कि इस बार बजट नहीं है अगली बार तक हो जाएगा। जबकि दंतेवाड़ा जिले में बजट की कमी नहीं है। डी.एम.एफ, मद की भारी भरकम राशि दूसरे जिले में जाता है, लेकिन यहां की व्यवस्था सुविधा के लिए बजट नहीं है। दक्षिण बस्तर शुरू से ही मूलभूत और बुनियादी सुविधा के लिए तरस रहा है, यहां की मूल निवासी बीमारीयों से जूझते हुए जान गवाने पढ़ रहे हैं। सही समय पर सही इलाज नहीं हो पा रहा है। दूरदराज गांवों से लंबा सफर पैदल चलकर ग्रामीण मरीजों ने भुके प्यासे अपने जान बचाने हेतु बीमारी का इलाज कराने आते हैं।
स्वास्थ्य संबंधित समस्त मूलभूत सुविधा युक्त नहीं होने के कारण मरीजों को जान गंवाने पड़ते हैं। डी.एम.एफ.का भारी भरकम राशि राजनेताओं के ऐसो आराम आलीशान जिंदगी जीने के पीछे खर्च किया जा रहा है।और आधा राशि बाहर जा रहा हैं। अगर उतना ही राशि ग्रामीण मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने हेतु खर्च किया जाता तो शायद हर ग्रामीण मरीजों का हर बीमारियों का इलाज आसानी से जिला चिकित्सालयों में ही हो जाएंगा।हम सरकार से विनम्र निवेदन करते है कि इनके स्वास्थ्य संबंधित अतिरिक्त निम्न व्यवस्था सुविधाओं को गंभीरता से ले ताकि ग्रामीण मरीजों को इलाज कराने हेतु भटकना ना पड़ सके।