
गरियाबंद/फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)। इन दिनों राहुल गांधी अमेरिका के प्रवास पर है। वे जहां भी जा रहे है सिर्फ भारत के खिलाफ बोल रहे है। प्रतिपक्ष नेता के रूप में वे एक बहूत बड़े जिम्मेदार पद पर है। इसलिए उनकी बातें विदेशों में भारत की छवि को बदनाम एवं विवादास्पद ही करेंगी। इस पर अंकुश जरूरी है। पूर्व सांसद एवं अ.भा. ओबीसी मोर्चा के उपाध्यक्ष चंदूलाल साहू ने राहुल गांधी द्वारा अमेरिका में सिखों को लेकर दिए बयान की कड़ी निंदा करते हुए राहुल गांधी को तत्काल नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद पर आसीन होकर राहुल गांधी देश को तोड़ने का काम कर रहे है। उन्हें नेता प्रतिपक्ष के पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। श्री साहू ने कहा कि भारत से लेकर कनाडा और अमेरिका तक सिखों को खालिस्तान के नाम पर भारत के खिलाफ भड़काया जा रहा है और राहुल गांधी इस आग में पेट्रोल डालने का काम कर रहे है। अमेरिका में वो सिखों से कह रहे है कि भारत में लड़ाई इस बात की है कि सिख पगड़ी पहन सकते हैं या नहीं, कड़ा पहन सकते है या नहीं। पूर्व सांसद चंदूलाल साहू ने कहा कि राहुल को ज्ञात होना चाहिए कि भारत में सिख शान से पगड़ी और कड़ा पहन कर घूमते है, इस बात को लेकर कहीं कोई विवाद नहीं। सिखों के पगड़ी और कड़ा पहनने पर सिर्फ एक बार लड़ाई हुई थी और वो साल 1984 था। जब इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस के नेताओं ने पगड़ी पहने, कड़ा पहने निर्दोश सिखों के गले में टायर डाल कर उन्हें जिंदा जला दिया था। उस समय कांग्रेस के दंगाई नेताओं से बचने के लिए सिखों ने अपने केश कटवा दिए थे पगड़ी पहनना बंद कर दी थी और कड़ा उतार दिया था। इससे पहले और इसके बाद आज तक भारत में सिखों के पगड़ी और कड़ा पहनने पर कहीं कोई विवाद नहीं हुआ। 1984 के सिख विरोधी दंगों में 3000 निर्दोश लोगों की हत्या की गई थी। यह कांग्रेस की विरासत है। इसके विपरीत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमेशा सिख समुदाय की गरिमा को बनाए रखा और उनके कल्याण के लिए काम किया है। श्री साहू ने कहा कि राहुल गांधी ने हमेशा संविधान का अपमान किया और निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अनादर किया। उन्होंने राहुल के बयान का कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि उन्होंने अमेरिका में जाकर भारत में हुए लोकसभा चुनाव या अन्य आंतरिक मामलों पर सवाल उठाया है। भारत निर्वाचन आयोग की निश्पक्षता पर विदेशों में सवाल उठाकर राहुल गांधी भारत को बदनाम करने का काम कर रहे है। यही फर्क है राहुल गांधी और नरेन्द्र मोदी में जिसे देश की जनता अच्छी तरह से समझ रही है कि उन्हें किसका साथ देना है और किसका नहीं कांग्रेस को राहुल गांधी के कृत्यों का खामिजाना भुगतना पड़ेगा।