कुख्यात अपराधी अमित जोश पुलिस मुठभेड़ में हुआ ढेर

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट 

दुर्ग (गंगा प्रकाश)। लम्बे समय से फरार चल रहे कुख्यात अपराधी अमित जोश को आखिरकार दुर्ग पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है , इनके विरूद्ध मारपीट , गुण्डागर्दी , हत्या और पिस्टल से फायर जैसे गंभीर अपराधों सहित लगभग 35 प्रकरण दर्ज है। इस हिस्ट्रीशीटर के एनकाउंटर से दुर्ग भिलाई में आतंक का एक अध्याय खत्म हो गया।‌ पुलिस कंट्रोल रूम सेक्टर 6 में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला ने एनकाउंटर का खुलासा करते हुये बताया कि विगत माह 25 और 26 जून 2024 की दरम्यानी रात्रि लगभग डेढ़ बजे ग्लोब चौक में प्रार्थी रमनदीप सिंह एवं इसके अन्य दो साथियों के साथ अमित जोश एवं इसके साथी आरोपी डागी , अंकुर एवं यशवंत द्वारा गाली-गुप्तार किया गया। वहीं आरोपी अमित जोश द्वारा अपने पास रखे पिस्टल से इनकी हत्या करने की नियत से दो – तीन फायर कर गोली मारकर अपने साथियों सहित फरार हो गया। गोली लगने से सुनील यादव एवं आदित्य सिंह घायल हो गये थे। प्रार्थी रमनदीप की रिपोर्ट पर थाना भिलाई नगर में अपराध क्रमांक 285/2024 धारा 307, 34 भादवि , 25-27 आर्म्स एक्ट कायम किया गया था। कुख्यात अपराधी द्वारा  की गई उक्त घटना को अत्यन्त ही गंभीरता से लेते हुये जितेन्द शुक्ला पुलिस अधीक्षक दुर्ग के निर्देशन एवं सुखनंदन राठौर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर भिलाई , सत्यप्रकाश तिवारी नगर पुलिस अधीक्षक भिलाई नगर , हेम प्रकाश नायक उप पुलिस अधीक्षक काईम दुर्ग के मार्गदर्शन में घटना के अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। आरोपी अमित जोश की पतासाजी , गिरफ्तारी हेतु टीम गठित कर पृथक-पृथक राज्यों में भेजी गयी थी एवं इसकी गिरफ्तारी के लिये 40000 रूपये ईनाम की उ‌द्घोषणा भी की गयी थी। आरोपी अमित जोश के दुर्ग-भिलाई क्षेत्र में लुक छिप कर रहने की सूचना प्राप्त हो रही थी , जिसे देखते हुये गत दिवस 07 एवं 08 नवम्बर को होटल , लॉज , ढाबा , रेल्वे स्टेशन की चेकिंग एवं नाकेबंदी हेतु सभी थाना/चौकी को निर्देशित किया गया था एवं एसीसीयू की भी टीम को लगाया गया था। गत दिवस 08 नवम्बर की संध्या सर्चिग कर रही पुलिस टीम को अमित जोश जयंती स्टेडियम के पास दिखा , पुलिस को देखकर वह जयंती स्टेडियम के पास स्थित जंगल झाड़ियों की ओर भागने लगा। सर्चिंग कर टीम द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल इसकी सूचना दी गयी। उप पुलिस अधीक्षक काईम हेम प्रकाश नायक एसीसीयू की टीम के साथ मौके पर पहुंचे , पुलिस गाड़ी को देखकर अमित जोश द्वारा जान से मारने की नियत से पुलिस के वाहन पर गोली चलाया गया। पुलिस द्वारा आत्मरक्षार्थ गोली चलाई गयी , जिससे मुठभेड़ में फरार आरोपी अमित जोश की मृत्यु हो गयी।‌ एसपी जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि पुलिस अमित जोश को जिंदा पकड़ना चाहती थी , हमारी टीम के द्वारा चेतावनी देने के बाद भी वह नहीं माना और पुलिस ने एनकाउंटर में अमित जोश को ढेर कर दिया। पुलिस द्वारा घटना में अपराध एवं मर्ग कायम कर वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। एफएसएल टीम को मौके पर बुलाकर विधिवत निरीक्षण एवं जप्ती कार्यवाही की गयी है। एक्जिक्यूटिव मजिस्ट्रेट द्वारा पंचनामा कर डाक्टरों की टीम से अमित जोश के शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। मुठभेड़ के हिस्सा रहे पुलिस टीम का वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उत्साहवर्धन किया गया है। पत्रकार वार्ता में एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर , हेम प्रकाश नायक , सत्य प्रकाश तिवारी , हरीश पाटिल मौजूद थे।

                                                       उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी दुर्ग पुलिस ने तीन एनकाउंटर किये थे। पहला मामला – दुर्ग पुलिस सबसे पहले वर्ष 2001 में दुर्ग के अंजोरा क्षेत्र में कुख्यात आरोपी सुखविंदर सिंह उर्फ सोक को पकड़ने गई थी। इस दौरान वह आरोपी और पुलिस में मुठभेड़ में मारा गया। कुख्यात आरोपी सुखविंदर सिंह और उसके गुर्गे ने एक कारोबारी का अपहरण किया था , जिसके बाद से पुलिस को सुखविंदर की तलाश थी। दुर्ग जिले का यह पहला एनकाउंटर था। दूसरा मामला – दूसरा एनकाउंटर वर्ष 2005 में भिलाई में हुआ था। बहुचर्चित महादेव महार हत्याकांड में हिस्ट्रशीटर गोविंद विश्वकर्मा भी शामिल था। पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी गोविंद विश्वकर्मा तलपुरी के आसपास है। जिससे घेराबंदी कर पकड़ने की कोशिश की गई , लेकिन गोविंद ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जिसके बाद पुलिस की जवाबी फायरिंग में गोविंद गोली के शिकार हो गया था। तीसरा मामला – तीसरा एनकाउंटर वर्ष 2010 में जामुल में हुआ था। जहां नार्थ बस्तर माड़ ज्वाइंट डिविजनल कमेटी के सदस्य नागेश और उसकी पत्नी रावघाट एरिया कमेटी के सदस्य ताराबाई कारतूस खरीदने के लिये भिलाई पहुंचने की सूचना मिलने पर पुलिस ने दोनो की तलाश शुरू की। तलाशी के दौरान पुलिस को सूचना मिली कि दोनों जामुल क्षेत्र में हैं। इसके बाद पुलिस उसे पकड़ने जा रही थी , तभी नागेश ने पुलिस पर फायर कर दिया। जिसके बाद पुलिस की जवाबी फायरिंग में नागेश और उसकी पत्नी ताराबाई को गोली लगी , जिससे उसकी मौत हो गई।

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