15 वें वित्त कि राशि में बाँसडांड़ के सरपंच-सचिव ने कर दिया साँय-साँय बंदरबांट , जाने पूरा मामला…

रायगढ़ (गंगा प्रकाश)। जिले के सुदूर आदिवासी वनांचल में स्थित विकास खण्ड लैलूंगा के कार्यालय जनपद पंचायत लैलूंगा अंतर्गत ग्राम पंचायत बाँसडांड़ के सरपंच एवं सचिव के द्वारा भ्रष्टाचार के नायाब तरीके को अपनाते हुए शासकीय राशि का दुरूपयोग किया गया है ।

मामले को लेकर आपको विस्तार से बताते चलें कि भ्रष्टाचार को अंजाम देने वाले सरपंच और सचिव को यह भी मालूम नही कि ग्राम पंचायत बाँसडांड़ में पंचायत भवन ही नही है । जिसके रंगाई पोताई के नाम पर लाखों रूपये को आहरण कर गबन कर लिया गया है । जबकि यह बात जग जाहिर है कि जनपद पंचायत लैलूंगा के ग्राम पंचायत बाँसडांड़ में पंचायत भवन नही होने के कारण किसी तरह आये बैठक किया जाता है । बिना पंचायत भवन के रंगाई पोताई तथा पेंटिंग कार्य होना बता कर बाकायदा फर्जी तरीके से फोटो खींच कर अपलोड़ किया गया है ।

खुलेआम भ्रष्टाचार को अंजाम देने वाली सरपंच श्रीमती सुलोचना भगत और सचिव दर्शन कुजूर दोनों साथ मिलकर शासकीय राशि को बंदर बांट किए हैं । वहीं आपको बता दें कि उपरोक्त राशि भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय से प्राप्त पंद्रहवें वित्त कि राशि है जिसे भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे सरपंच तथा सचिव ने शासकीय राशि को गोलमाल करने से बाज नही आ रहे हैं । इससे साफ पता चलता है कि इस भ्रष्टाचार में कहीं न कहीं जनपद पंचायत लैलूंगा के अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है । कुछ ही दिन बाद छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव हेतु आचार संहिता लगने वाली है । और एक तरफ घोर भ्रष्टाचार के आरोप का मामला प्रकाश में आना सरंपच – सचिव के भ्रष्ट रवैय्ये को दर्शाता है।

आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि ग्राम पंचायत बाँसडांड़ में और कितने कार्यों का फर्जी आहरण किया गया होगा ? क्योंकि बाँसडांड़ वही पंचायत है जहाँ के सभी पंच एकजुट होकर सरंपच के खिलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था । पूरे ग्राम की जनता सरंपच के खिलाफ हो गई थी । इसका भी कारण पंचायतों में बिना बैठक किए लाखों रुपये आहरण होना बताया गया था । और वर्तमान में भी यही बात दोहराई जा रही है ।

बाँसडांड़ के पंचों से बात करने पर पता चला है कि यहाँ बैठक भी नहीं होती । ऐसे भ्रष्ट सरंपच – सचिव पर कार्यवाही होनी चाहिए । लेकिन अब यह देखना होगा कि ग्राम पंचायत बाँसडांड़ के सरंपच – सचिव पर क्या कुछ कार्यवाही की जाएगी या यूँ ही लीपापोती कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा ? यह तो आने वाले चंद दिनों में ही पता चल सकेगा ।

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