मेगा परियोजनाओं के कम उत्पादन ने बढ़ाई अफसरों की टेंशन

लक्ष्य अनुरूप उत्पादन नहीं कर पा रही हैं खदानें

भागवत दीवान 

कोरबा(गंगा प्रकाश)। एसईसीएल को मौजूदा वित्तीय वर्ष में 182 मिलियन टन का सालाना टारगेट दिया गया है । इस टारगेट को पूरा करने पहले 5 माह में कंपनी लक्ष्य से काफी पीछे है ।लक्ष्य को पूरा करने का पूरा दारोमदार जिले में संचालित मेगा परियोजनाओं पर है ।दिक्कत इस बात की है कि अब तक की स्थिति में जिले की तीनों मेगा परियोजना टारगेट से पीछे चल रही हैं ।एसईसीएल की कुल उत्पादन का 80 से 85 फीसदी कोयला जिले की मेगा परियोजनाओं से ही उत्पादन किया जाता है।  इस वजह से सालाना उत्पादन को पूरा करने में इन परियोजनाओं का बड़ा रोल है ।इस बात को अफसर भी भली भांति जानते हैं । यही वजह है कि मेगा परियोजनाओं का अफसर लगातार दौरा कर रहे हैं । बारिश के दौरान कोयला उत्पादन में गिरावट आई है। अब बारिश थम जाने के बाद कोयला उत्पादन में बढ़ोतरी की पूरी कोशिश हो रही है। मुख्यालय स्तर के अफसर भी खदानों का जायजा लेने में जुटे हुए हैं ।विभिन्न प्रकारों से खदान का उत्पादन बढ़ाने का प्रयास हो रहा है । कोरबा जिला की खदानों की बात की जाए तो 5 माह में लगभग 52 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर लेना था । इस लक्ष्य से लगभग 10 मिलियन टन पीछे चल रही हैं ।अगले 7 महीनों में एसईसीएल इन मेगा परियोजनाओं से ज्यादा से ज्यादा उत्पादन करने में जुट गया है । कुसमुंडा और दीपिका परियोजना लक्ष्य से काफी पीछे हैं ।वही गेवरा परियोजना की स्थिति बेहतर जरूर है मगर वह भी लक्ष्य से पीछे चल रहा है ।कोरबा एरिया का उत्पादन टारगेट कम है ।अब तक की स्थिति में एसईसीएल एरिया लक्ष्य से अधिक उत्पादन कर लिया है ।मेगा परियोजनाओं को भी ऐसी स्थिति में लाने की कवायद में अफसर जुटे हुए हैं।

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