मकर संक्रांति के अवसर पर गंगासागर पहुंचे पुरी शंकराचार्यजी

मकर संक्रांति के अवसर पर गंगासागर पहुंचे पुरी शंकराचार्यजी

 

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

गंगासागर (गंगा प्रकाश)। भारत में भी समीक्षा करने पर यह सिद्ध होता है कि भारत ने क्रांति और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी मेधा शक्ति , रक्षा शक्ति व वाणिज्य शक्ति का सही इस्तेमाल नहीं किया है। भारत के खुद को हिंदू राष्ट्र घोषित कर देने पर पंद्रह राष्ट्र साल के अंदर यही कदम उठायेंगे।

                                            उक्त बातें मकर संक्रांति पर गंगासागर में शाही स्नान करने पहुंचे ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय गोवर्धनमठ पुरी पीठाधीश्वर श्रीमज्जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानंद सरस्वती ने प्रेस कांफ्रेंस में कही। उन्होंने कहा कि विश्व में कहीं भी हिंदू देवी – देवताओं के अपमान को सहन नहीं किया जा सकता। सनातन धर्म संस्कृति को उच्च स्थान पर रखकर यदि सरकार राष्ट्रहित और जगत कल्याण में यह निर्णय लेगी , तो सम्पूर्ण मानव जगत का उद्धार होगा। पुरी शंकराचार्य ने कहा कि तीर्थ स्थलों को पर्यटन स्थलों में परिवर्तित नहीं किया जाना चाहिये , तपोभूमि को भोग भूमि का रूप देना सही नहीं है। गंगासागर मेले को अब तक राष्ट्रीय मेला घोषित नहीं किये जाने पर शंकराचार्य ने कहा कि राष्ट्रीय मेला ना सही , यह राष्ट्रीय पर्व तो है ही। बताते चलें राजा सगर के साठ हजार पुत्रों को मोक्ष देने के लिये मां गंगा स्वर्ग से धरती पर उतरी थीं और यही सागर तट पर मौजूद कपिल मुनि आश्रम के पास राजा सगर के पुत्रों के अवशेषों को छूती हुई सागर में समाहित हो गई थीं, जिसके बाद राजा सगर के सभी पुत्रों को मोक्ष मिला था।‌ उसके बाद से ही सागर तट पर हर साल मकर संक्रांति के उसी शुभ मुहूर्त में देश-दुनियां से लाखो पुण्यार्थी मोक्ष की चाह में पश्चिम बंगाल के दक्षिण चौबीस परगना में स्थित मशहूर गंगासागर में आस्था की डुबकी लगाने आते हैं। उल्लेखनीय है कि ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्धनमठ पुरी पीठाधीश्वर अनन्तश्री विभूषित श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वतीजी महाराज स्वर्ग द्वार पुरी के समीप महोदधि तट पर आयोजित महोदधि आरती महोत्सव के 19 वें वार्षिक महामहोत्सव में उपस्थित रहकर कोलकाता मार्ग से गंगासागर प्रवास पर हैं। गौरतलब है कि महाराजश्री प्रतिवर्ष मकर संक्रांति पर गंगासागर पहुंचते हैं , इस वर्ष भी वे उपरोक्त अवसर पर अपने सैकड़ों अनुयायियों के साथ शाही स्नान करने सागर तट पर पहुंचे हैं। यहां शिविर स्थल पर आज सोमवार 13 जनवरी को पत्रकार वार्ता साथ ही दर्शन , दीक्षा एवं संगोष्ठी का आयोजन हुआ। वहीं मंगलवार 14 जनवरी को पूर्वान्ह साढ़े ग्यारह बजे दर्शन , दीक्षा , गोष्ठी और सायं साढ़े चार बजे धर्मसभा के साथ शाम छह बजे से धर्मसभा का आयोजन निर्धारित है। इसी कड़ी में बुधवार 15 जनवरी को प्रात: साढ़े आठ बजे से उपस्थित भक्तजनों को शंकराचार्यजी के साथ शाही स्नान करने का सौभाग्य सुलभ होगा। गंगासागर प्रवास पूर्ण करने उपरान्त महाकुम्भ परिक्षेत्र प्रयागराज में महाराजश्री का 16 जनवरी से 06 दिसम्बर 2025 तक प्रवास रहेगा। शंकराचार्यजी का शिविर स्थल संगम लोवर मार्ग, मोरी चौराहा  , सेक्टर 19 ( रेलवे एवं शास्त्री पुल के बीच में ) रेलवे पिलर नंबर 05 ( झूंसी की तरफ से, कुम्भ क्षेत्र प्रयागराज रहेगा। उपरोक्त अवधि में प्रात: तथा सायं सत्रों में महाराजश्री का दर्शन एवं सत्संग सुलभ रहेगा। इसकी जानकारी श्रीसुदर्शन संस्थानम , पुरी शंकराचार्य आश्रम / मीडिया प्रभारी अरविन्द तिवारी ने दी।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *