राजिम कुंभ कल्प 2025: नवीन मेला मैदान में नवीनता का समावेश, देखते ही बन रही भव्यता और सुंदरता

राजिम कुंभ कल्प 2025: नवीन मेला मैदान में नवीनता का समावेश, देखते ही बन रही भव्यता और सुंदरता

 

गरियाबंद/राजिम(गंगा प्रकाश)। राजिम कुंभ कल्प इस बार भव्य और वृहद रूप में आयोजित किया जा रहा हैं। कुंभ की भव्यता और सुंदरता देखते ही बन रही। लंबे अरसे के बाद मेला स्थल परिवर्तन होने से आयोजन को लेकर दर्शको में जिज्ञासा और उत्साह का माहौल हैं। 54 एकड़ की विस्तृत जमीन पर नवीन मेला इस बार राजिम और चौबेबांधा में सजकर तैयार हैं। जहां अंदर प्रवेश करते ही विशाल सांस्कृतिक मंच को देखकर सहज रूप से सभी आकर्षित हो रहे हैं सैलानी एकटक देखे बिना आगे नही बढ़ पा रहें। यह मंच चर्चा का विषय बना हुआ हैं।

मुख्यमंच इस बार राजिम कुंभ पंचकोशी धाम की थीम पर बना हैं, जो मेले की सुंदरता में चार चांद लगा रही हैं। हजारों दर्शक इस मंच में आराम से बैठकर कार्यक्रम का आनंद लें सकते हैं। जगमग लाइटिंग के साथ ही दर्शकों की सुविधा के लिए इसके चारों तरफ एल.ई.डी (प्रोजेक्टर) की व्यवस्था की गई हैं। वहीं मुख्य मंच के पास ही स्थानीय कलाकारों के लिए सांस्कृतिक मंच बनाया गया हैं जहां बड़े डोम में हजारों के बैठने की व्यवस्था की गई है।

कुलेश्वर मंदिर के पास बने संत समागम स्थल में पंडोखर सरकार का दरबार लगेगा। वहीं सनातन धर्म हिंदू संस्कृति के रक्षक बागेश्वर धाम का भी पंडाल लगाया जा रहा है। वैसे राजिम कुंभ प्रतिवर्ष अपने अलग रूप में ही दर्शनर्थियों के मन को मोहित करता हैं। समय के साथ साथ इस कुंभ मेले में नित नए प्रयोग किए जा रहें हैं। जिससे इसकी प्रसिद्धि बढ़ती ही जा रही हैं। आज इसकी महिमा का बखान दूर देशों में भी हो रहा हैं। यही वजह हैं विदेशी सैलानी भी हर वर्ष यहां पहुंचते हैं और यहां के लोगो में अपने धर्म और संस्कृति के प्रति आस्था को देखकर आश्चर्य चकित हो जाते हैं। छत्तीसगढ़ी बोली-भाखा, पहनावा रहन सहन उन्हें बहुत ही प्रभावित करती हैं। राजिम कुंभ कल्प में अनेक संस्कृतियों का मिलन होता हैं जहां अलग स्थान से आकर लोग आपस में मिलकर रहते हैं कार्य करते और एक दूसरे की रीति-रिवाज़ और परंपराओं से अवगत होते हैं।

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