राजिम कुंभ कल्प में सहज योग ध्यान शिविर : आत्म-साक्षात्कार का मिल रहा लाभ


सहज योग आत्मज्ञान को प्राप्त करने की अत्यंत सरल ,सुलभ एवं सहज ध्यान पद्धति
गरियाबंद/राजिम (गंगा प्रकाश)। धार्मिक नगरी राजिम के त्रिवेणी संगम में राजिम कुंभ कल्प मेला लगा हुआ है। राजिम कुंभ कल्प में शामिल होने साधु-संतों के लिए संत समागम परिसर बनाया गया है। जहां 21 फरवरी से विभिन्न आध्यात्मिक एवं धार्मिक अनुष्ठान हो रहे है। संत समागम परिसर के पास ही सहज योग ध्यान शिविर लगाया गया है। इस शिविर में श्रद्धालु सहज योग ध्यान पद्धति से आत्म-साक्षात्कार एवं कुंडलिनी जागरण का अनुभव कर रहे हैं।
शिविर में उपस्थित सहज योगियों ने बताया कि सहज योग की संस्थापिका माताजी निर्मला देवी जी हैं। उन्होंने 05 मई 1970 को सहज योग की शुरुआत की। आज विश्व के 140 से भी अधिक देशों में किया जा रहा हैं। सहज योग आत्मज्ञान को प्राप्त करने की अत्यंत सरल, सुलभ एवं सहज ध्यान पद्धति हैं।
बताया कि आज के आधुनिक युग में मनुष्य अत्यंत तनाव में और विचारों से घिरा हुआ, भ्रम की स्थिति में हैं। अतः वह जीवन के आनंद को भिन्न-भिन्न प्रकार से खोजने में प्रयास रत हैं। हमारी नई पीढ़ी भी अति-बौद्धिक होकर तर्क संगत हो गई हैं और प्रमाण के आधार पर चलना पसंद करती है। ऐसे में हमारे बच्चों को हम न तो संभाल पा रहे हैं और न ही सही रास्ता दिखा पा रहे हैं। इस बदलाव को देखते हुए कुंडलिनी जागृति का कार्य किया जा रहा है। जिसका प्रमाण हमारी हथेलियों पर एवं सिर के तालू भाग पर शीतल लहरियो (चैतन्य लहरियों) के रूप में मिलता है। ये लहरियां हमारा मार्गदर्शन भी करतीं हैं। सहजयोग में मनुष्य अपने वास्तविक आनंद को प्राप्त कर सहज और सरल जीवन जीता है। सहज योग सभी के लिए निःशुल्क हैं।