प्राचीन रियासत की गाथा समेटे हुए है ये महल, 130 साल पुराना, नेपाल से है कनेक्शन

सरगुजा (गंगा प्रकाश)। अगर आप छत्तीसगढ़ की यात्रा पर निकले हैं और ऐतिहासिक धरोहरों की तलाश में हैं तो ये आर्टिकल आपके बेहद काम आ सकता है। समृद्ध ऐतिहासिक विरासत का नमूना देखने के लिए आप यहां जा सकते हैं जहां जाकर आपको अनूठा एहसास होगा।

ऐतिहासिक धरोहरों से भरा छत्तीसगढ़
ऐतिहासिक धरोहरों के दीदार करने के लिए अक्सर पर्यटक छत्तीसगढ़ की यात्रा करते हैं। छत्तीसगढ़ में स्थित आपने तमाम ऐतिहासिक धरोहरों के बारे में सुना और जाना होगा लेकिन, आज हम जिस पैलेस का जिक्र आपसे करने जा रहा हैं उसका इतिहास बेहद प्राचीन है।
रघुनाथ पैलेस
हम बात कर रहे हैं रघुनाथ पैलेस की जो सरगुजा रियासत का इतिहास खुदमें समेटे हुए है। हजारों यादों को संजोए हुए ये महल अपने आप में अलग और अनूठा है। यात्रा के दौरान इसे देखकर आपको अद्भुत विरासत का एहसास हो जाएगा।
आकर्षण का केंद्र
यहां की वास्तुकला काफी आकर्षक है। शानदार सजावट, ऐतिहासिक महत्व और स्थापत्य शैली के कारण ये पैलेस पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है।
1895 में हुआ था निर्माण
रघुनाथ पैलेस का निर्माण महाराज रघुनाथ शरण सिंह देव के नाम पर 1895 में हुआ था। महल की भव्यता देखने के साथ ही आप ऐतिहासिक महत्व को समझने के लिए भी यहां आ सकते हैं।
नेपाल के पैलेस की तर्ज हुआ निर्माण
रघुनाथ पैलेस के निर्माण और साज-सज्जा का क्रेडिट महारानी विजेश्वरी को जाता है। महारानी विजेश्वरी नेपाल राजघराने से थीं जिन्होंने सरगुज़ा राजपरिवार में विवाह किया था। महारानी विजेश्वरी ने नेपाल के पैलेस के तर्ज पर नक्शा तैयार करवाया था।
प्रमुख आकर्षण
11 एकड़ जमीन में फैले हुए इस पैलेस में 7 आंगन हैं जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। शीशे के दरवाजे, पीतल की सीढ़ी इस पैलेस को और खास बनाती है इसके अलावा यहां सैकड़ों आदमखोर जानवरों के शरीर बुत बनकर लटके हुए हैं।