
खैरागढ़-पिछले दिनों खैरागढ़ छुईखदान गंडई छत्तीसगढ़ राज्य का 31 वां जिला बन गया मुख्यमंत्री ने उप चुनाव में जो वादा किया था उसे पूरा किया और एक नया जिला छत्तीसगढ़ राज्य में अस्तित्व में भी आ गया, भले ही इसका श्रेय कांग्रेस पार्टी, क्षेत्रीय विधायक श्रीमती यशोदा निलांबर वर्मा, व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मिला हो और मिलना भी चाहिए लेकिन, पिछले कई सालों से खैरागढ़ को जिला बनाने की मांग चल रही थी,पहली बार किसी शख्स ने संयुक्त जिला खैरागढ़ छुईखदान गंडई बनाने कि बात कही और व संयुक्त जिला बनाने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण एवं चरणबद्ध आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया व आम जनमानस को प्रेरित किया है तो वो है खैरागढ़ निवासी बेहद ही मध्यम वर्गीय परिवार में पैदा हुए उच्च शिक्षीत नरेंद्र सोनी ऐसे तो संगीत नगरी खैरागढ़ मेधावी पुरुषों की जननी है, साहित्य, पत्रकारिता, लोक कला, और संगीत के साथ ही साथ हर क्षेत्र में यहां प्रतिभाएं पल्लवीत और पुष्पित हुई है, किसी एक विषय में दक्ष होना जहां व्यक्ति की मेघा को परिभाषित करती है, वहां बहुमुखी प्रतिभा वाले व्यक्ति बहुत कम होते हैं ऐसे ही एक व्यक्ति हैं नरेंद्र सोनी जी जिन्होंने संयुक्त जिला बनाए जाने की मांग को लेकर लगातार 217 दिन तक क्रमिक भूख हड़ताल, सायकिल यात्रा, एवं शांतिपूर्ण आंदोलन किया, आंदोलन की शुरुआती दौर में उन्हें काफी संघर्ष का सामना करना पड़ा, खैरागढ़ के साथ ही साथ छुईखदान और गंडई को भी संयुक्त जिला में सम्मिलित किया गया है, कहीं ना कहीं यह नरेंद्र भाई की शांतिपूर्ण आंदोलन का ही नतीजा है, छुईखदान गंडई क्षेत्र की जनता नरेंद्र सोनी का हृदय से आभार मानती है, जिन्होंने दूरदर्शी सोच रखते हुए छुईखदान गंडई को संयुक्त जिला में शामिल कराया है, और गौरवान्वित होने का अवसर प्रदान किया है।