न्याय मांगते-मांगते मौत- पुलिस की बेरुखी ने ले ली युवक की जान…

न्याय मांगते-मांगते मौत- पुलिस की बेरुखी ने ले ली युवक की जान…

 

बेमेतरा (गंगा प्रकाश)। जिले के नेवासा गांव में एक हृदयविदारक घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। कुमार साहू नामक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, और इस दुखद घटना के पीछे जो कहानी सामने आई है, वह न केवल पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाती है बल्कि पूरे कानून व्यवस्था तंत्र को कटघरे में खड़ा करती है।

क्या है पूरा मामला

 होली के दिन कुमार साहू ने अपने खेत का धान व्यापारी रिंकू साहू को बेचा था और जब वह अपनी मेहनत की कमाई लेने गया, तो उसे न केवल पैसे देने से इनकार कर दिया गया, बल्कि उसके साथ मारपीट भी की गई। घायल अवस्था में कुमार किसी तरह अपने घर लौटा। इसके अगले ही दिन, व्यापारी ने कुमार पर छेड़छाड़ और तोड़फोड़ का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।

पुलिस पर गंभीर आरोप

परिजनों के अनुसार, पुलिस ने न्याय दिलाने के बजाय कुमार और उसके परिवार को धमकाया। आरोप है कि पुलिस ने कहा कि यदि वे ₹25,000 और 2 क्विंटल अरहर नहीं देते, तो कुमार को झूठे मामलों में फंसाकर जेल भेज दिया जाएगा। इस मानसिक प्रताड़ना और अपमान से आहत कुमार साहू ने रात में अपने घर में फांसी लगा ली।

साहू समाज का आक्रोश – थाने का घेराव

 इस हृदयविदारक घटना के बाद पूरे क्षेत्र में गहरा आक्रोश फैल गया। साहू समाज के सैकड़ों लोगों ने नवागढ़ थाने का घेराव किया और दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।

किसानों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं

 घटना की सूचना मिलने पर जिला पंचायत सदस्य मधु राय अस्पताल पहुंची तथा मौजूद पुलिस अधिकारियों से कहा कि यह गंभीर मामला है, इसमें जो भी लिप्त है उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई हो किसानों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राय ने इस मुद्दे को राजधानी तक ले जाने की चेतावनी दी।

प्रशासन का जवाब – जांच का आश्वासन

 इस मामले में दुर्ग रेंज के आईजी राम गोपाल गर्ग ने जांच का भरोसा दिया है और कहा है कि यदि कोई दोषी पाया गया, तो उचित कार्रवाई की जाएगी।

बड़ा सवाल – क्या न्याय मांगना अपराध बन चुका है?

  • यह घटना कानून व्यवस्था की विश्वसनीयता पर गहरे सवाल खड़े करती है।

  • यदि किसी नागरिक के साथ अन्याय होता है और वह न्याय की उम्मीद लेकर पुलिस के पास जाता है, तो क्या उसे इसी तरह धमकाया जाएगा?

  • क्या पुलिस का काम न्याय देना है या भय पैदा करना?

अब जरूरत है ठोस कार्रवाई की

इस मामले में केवल जांच का आश्वासन पर्याप्त नहीं होगा। यदि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई, तो यह घटना सिर्फ एक केस बनकर फाइलों में दफन हो जाएगी, और आगे भी कमजोर तबके के लोग न्याय के बजाय भय में जीने को मजबूर होंगे। अब समय आ गया है कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले और न्याय की एक मजबूत मिसाल पेश करे।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *