कूप निर्माण से धान,साग-सब्जी का उत्पादन कर सुभद्रा ने अपनी आय में वृद्धि की बेहतर

गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। देवभोग विकासखण्ड के ग्राम गाड़ाघाट निवासी सुभद्रा सिंह द्वारा अपने निजी जमीन में कूप निर्माण कार्य की मांग किया गया, जिस पर ग्राम पंचायत गाड़ाघाट द्वारा प्रस्ताव तैयार कर जनपद पंचायत में प्रेषित किया गया। इसके उपरांत उनके प्रस्ताव पर तकनीकी सहायक द्वारा उक्त कार्य स्थल का निरीक्षण किया गया तथा प्राक्कलन तैयार किया गया। तकनीकी स्वीकृति पश्चात उक्त कार्य की स्वीकृति के लिए जिला कार्यालय प्रेषित किया गया। जिला कार्यालय से स्वीकृति मिलने के पश्चात उनके खेत में निजी कूप निर्माण का कार्य कराया गया। सुभद्रा सिंह ने बताया कि उनके परिवार के सभी सदस्य खेती-किसानी का कार्य करते है। उनके पास कृषि हेतु पर्याप्त जमीन है। किन्तु फसल सिंचाई का साधन नहीं होने के कारण उनको कृषि कार्य करने मे परेशानियों का सामना करना पड़ता था। जब योजना में स्वीकृत होने वाले कार्य की जानकारी मिली तब उन्होने महात्मा गांधी नरेगा के तहत् कृप निर्माण कार्य स्वीकृति करवाने का फैसला लिया। उसने सरपंच और सचिव के कार्यालय में जाकर कूप निर्माण के लिए आवेदन के साथ जमीन का नक्शा, खसरा प्रस्तुत किया। आवेदन एवं नक्शा, खसरा को ग्राम सभा मे अनुमोदन करने के बाद सचिव द्वारा नक्शा, खसरा प्रस्ताव को जनपद पचंायत देवभोग के मनरेगा शाखा में प्रस्तुत किया। जिस पर कार्यक्रम अधिकारी एवं तकनीकी सहायक द्वारा सेक्योर सॉफ्ट के माध्यम से प्राक्कलन तैयार तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति हेतु जिला पंचायत गरियाबंद प्रेषित किया गया। जिसके कारण वित्तीय वर्ष 2023-24 में कार्य स्वीकृत हो गया। स्वीकृति के बाद तकनीकी सहायक द्वारा स्थल में लेआउट कर ग्राम पंचायत क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा कार्य पूर्ण कराया गया। सुभद्रा ने बताया कि उनके पास कृषि कार्य करने के लिए सिंचाई का कोई साधन नही था और वे पहले फसल के लिए वर्षा के पानी पर आश्रित थे। खेतों तक पानी मिलना और लगी फसलो और साग-सब्जियों को बचाना मुश्किल हो जाता था। लेकिन अपने खेत में मनरेगा अंतर्गत कूप निर्माण किया गया। जिससे उसे और उसके परिवार को रोजगार भी उपलब्ध हुआ। कूप निर्माण होने से उनके खेतों में सिंचाई की सुविधा भी उपलब्ध हुई। जिससे वे कृषि के साथ साथ साग-सब्जी उत्पादन कर अपनी आय में वृद्धि कर रहे है। जिससे उनके परिवार में खुशियां आई है।