वक्फ बोर्ड के फैसले और कमेटी द्वारा “छिपाए गए सच” ने मचाई उठापटक

वक्फ बोर्ड के फैसले और कमेटी द्वारा “छिपाए गए सच” ने मचाई उठापटक

 

फिरोज अहमद खान (पत्रकार)

बालोद (गंगा प्रकाश)। जिले के दल्ली राजहरा में ईद-उल-फितर के मौके पर राजहरा ईदगाह में नमाज के पहले मुतवल्ली (ट्रस्टी) पद को लेकर बवाल छिड़ गया। शेख असलम (इंजीनियर) ने भरी जमात के सामने नए मुतवल्ली की घोषणा की जिसके बाद जमात में बवाल मच गया। जमात के लोगों ने उनसे पूछा कि ये नया मुतवल्ली कब बना और पुराना मुतवल्ली कब हटा दिया गया। जिससे पूर्व मुतवल्ली शेख नय्यूम को बर्खास्त करने का मामला सामने आया। हालांकि, इस फैसले को लेकर जमात के सदस्यों ने सवालों की झड़ी लगा दी और राजहरा मस्जिद कमेटी की पारदर्शिता पर उंगलियां उठाईं गई।

 

वक्फ बोर्ड ने रमजान के तीसरे जुमे (शुक्रवार) को शेख नय्यूम को मुतवल्ली पद से हटाने का आदेश जारी किया था। इस आदेश की सूचना मस्जिद के नोटिस बोर्ड पर चिपकाई गई, लेकिन शेख नय्यूम और उनकी कमेटी ने 15 दिनों तक जमात को इसकी जानकारी नहीं दी। ईद के दिन जब शेख असलम ने नए कार्यवाहक मुतवल्ली मुश्ताक अंसारी के नाम की घोषणा की, तो जमात के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया कि जमात से यह बात क्यों छुपाई गई और राजहरा मुस्लिम जमात को धोखे में रखा गया।

जमात के लोगों ने शेख असलम और शेख नय्यूम पर आरोप लगाया कि “शेख नय्यूम को बर्खास्त करने का फैसला जानबूझकर छुपाया गया।” एक व्यक्ति ने पूछा, “अगर शेख नय्यूम को हटाया गया था, तो ईद तक यह बात छिपाई क्यों गई? यह जमात के साथ धोखा है।”

शेख नय्यूम ने जुम्मे के दिन मौजूद जमात के सामने अखबारों और न्यूज पोर्टल में प्रकाशित खबर जिसने उनके राजहरा मस्जिद के मुतवल्ली पद से बर्खास्त होने की खबर को “झूठ और बेबुनियाद” बताया था।

आपको बता दें कि  ईद उल फितर के दिन ईदगाह में शेख असलम (इंजीनियर) ने जमात के सामने जल्दबाजी में हिसाब किताब दिया और नए मुतवल्ली की जानकारी दी। वहीं उनके द्वारा कार्यवाहक मुतवल्ली मुश्ताक अंसारी से जमात के लोगों को दो शब्द कहने का आग्रह किया। वहीं जमात के लोगों ने खड़े होकर सवाल करने लगे कि नया मुतवल्ली कब बना और पुराने मुतवल्ली के हटाए जाने की जानकारी पूर्व मुतवल्ली शेख नय्यूम के द्वारा क्यों नहीं दी गई। जबकि इनसे पूछा गया कि शेख नय्यूम को बर्खास्त किए जाने की बात को क्यों छुपाया गया। वही शेख नय्यूम को बर्खास्त किए जाने की खबर अखबारों और न्यूज पोर्टल में प्रकाशित होने पर शेख नय्यूम ने मस्जिद में भरी जमात के सामने इसे झूठ और बेबुनियाद बताया और कहा कि मेरे खिलाफ झूठ फैलाया जा रहा है।

वहीं शेख नय्यूम को वक्फ बोर्ड द्वारा रमजान के तीसरे जूमे में बर्खास्त किए जाने वाले पत्र को मस्जिद के एक कोने में चिपकाया गया था तब भी शेख नय्यूम और इनकी कमेटी द्वारा वक्फ बोर्ड से जारी आदेश को इनके द्वारा पंद्रह दिन तक जमात को कोई जानकारी नहीं दी गई। इन्होंने पंद्रह दिनों तक राजहरा मुस्लिम जमात को गुमराह किए रखा। जबकि इस बात का खुलासा किया जाना बेहद जरूरी था। लेकिन इन्होंने करीब पंद्रह दिनों तक राजहरा जमात से इस बात को छुपाए रखा। वहीं छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा शेख नय्यूम के बर्खास्त होने के बाद आगामी आदेश तक मुश्ताक अंसारी को कार्यवाहक मुतवल्ली के तौर पर जिम्मेदारी दी गई है।

आपको बता दें कि स्थानीय अखबारों और न्यूज पोर्टल्स पर खबर छपने पर ही यह मामला सामने आया था। सूत्रों के मुताबिक, वक्फ बोर्ड का बर्खास्तगी आदेश रातोंरात मस्जिद की दीवार पर चिपकाया गया था। वहीं लोगों का कहना है कि राजहरा मस्जिद प्रबंधन में वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। यह विवाद मस्जिद प्रबंधन में वित्तीय पारदर्शिता और जनभागीदारी की गंभीर कमी को उजागर करता है। पूर्व मुतवल्ली शेख नय्यूम की भूमिका पर सवाल और बढ़ गए हैं।

वहीं राजहरा मुस्लिम जमात के लोगों ने मांग की है कि ईद के दिन सेक्रेटरी शेख असलम द्वारा राजहरा मस्जिद कमेटी के वित्तीय आवक जावक का हिसाब किताब दिया गया। जबकि उस समय मस्जिद तामीर, मस्जिद के हाफिज साहब, मस्जिद के मोअज्जम साहब, फितरा जकात, कब्रिस्तान के लिए चंदा व मदद के तौर पर झोली लेकर आवाज लगाकर कुल 10 लोगों के घूमने के कारण और शोर गुल के कारण सेक्रेटरी शेख असलम द्वारा बताया जा रहा हिसाब किताब जमात के लोगो के बराबर समझ में नहीं आया। जिसकी बाद जमात में खलबली मची कि हिसाब किताब ईद की नमाज के बाद और किसी दिन बैठक में लिया जाएगा।

 

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