“पानी की डकैती और सिस्टम बना गूंगा पहरेदार!” पत्थलगांव में जनता के हिस्से का पानी हड़प लिया गया, आदेश की धज्जियाँ उड़ाई गईं, और पंप ऑपरेटर बना रसूखदारों का गुलाम…

“पानी की डकैती और सिस्टम बना गूंगा पहरेदार!” पत्थलगांव में जनता के हिस्से का पानी हड़प लिया गया, आदेश की धज्जियाँ उड़ाई गईं, और पंप ऑपरेटर बना रसूखदारों का गुलाम…

 

जशपुर/पत्थलगांव (गंगा प्रकाश)। ये सिर्फ पानी की कहानी नहीं है- ये रसूखदारों और सिस्टम के संगठित लूट की असल तस्वीर है ! पत्थलगांव हाई स्कूल मैदान पर लगे शासकीय हैंडपंप को कुछ असरदार लोगों ने सरेआम बोर में तब्दील कर दिया। अब वो हैंडपंप आम लोगों की प्यास नहीं बुझाता- वो अब कुछ चेहरों के अहंकार की टंकी भरता है।

गर्मी में झुलसती जनता दम तोड़ रही है, पर रसूखदारों की पाइपलाइन से पानी लगातार बह रहा है और अफ़सोस-सिस्टम चुप है, अंधा है, और शायद बिक चुका है !

 

यह घटनाक्रम बता रहा है कि :

 

  • सिस्टम अब संवैधानिक नहीं, सौदों का गुलाम बन चुका है।
  • आदेशों की कोई हैसियत नहीं, धौंस और धन ही कानून है!
  • और आम आदमी? वो लाइन में लगकर बस सूखी धरती को देखता रह जाए – यही उसकी किस्मत तय कर दी गई है!

नगर पंचायत CMO ने स्पष्ट मौखिक आदेश दिया था कि “पंप निकलवाओ, हैंडपंप दोबारा लगाओ!” लेकिन पंप ऑपरेटर दीनदयाल पटेल ने वो आदेश उठाकर रद्दी की टोकरी में डाल दिया – जवाब मिला: “कल कर देंगे साब…”

“आज-कल” नहीं -यह प्रशासन के ताबूत में ठोकी जा रही कील है :

यह सिर्फ प्रशासनिक असफलता नहीं यह जनहित की हत्या है! एक सरकारी कर्मचारी, जिसे जनता की सेवा के लिए वेतन मिलता है, वह आज दबंगों का नौकर बन बैठा है और आदेशों का हत्यारा !

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