ईकोनॉमिक कॉरिडोर मुआवजा घोटाला: ईओडब्ल्यू की बड़ी कार्रवाई, 48 करोड़ की आर्थिक क्षति उजागर

रायपुर (गंगा प्रकाश)। रायपुर-विशाखापट्टनम प्रस्तावित इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान शासन को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाने के मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 20 ठिकानों पर छापेमारी की है। अब तक की जांच में करीब ₹48 करोड़ से अधिक की आर्थिक क्षति सामने आई है।
जांच में खुलासा हुआ है कि तत्कालीन एसडीएम (राजस्व) निर्भय साहू और अन्य राजस्व अधिकारियों ने मिलकर शासन की अधिग्रहित भूमि को दोबारा शासन को ही विक्रय कर मुआवजा प्राप्त किया, इसके अलावा मुआवजा प्राप्तकर्ताओं की पहचान में हेरफेर, निजी जमीन के खसरा व रकबा में तोड़फोड़ कर टुकड़ों में विभाजित कर गलत तरीके से ज्यादा मुआवजा दिलवाया गया।
ईओडब्ल्यू ने 23 अप्रैल 2025 को अपराध क्रमांक 30/2025 दर्ज करते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) एवं आईपीसी की धाराएं 467, 468, 471, 420 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया है।
25 अप्रैल को रायपुर, महासमुंद, दुर्ग और बिलासपुर जिलों में एक साथ 20 स्थानों पर दबिश दी गई। कार्रवाई में जिन प्रमुख लोगों के नाम सामने आए हैं, उनमें निर्भय कुमार साहू, जितेन्द्र कुमार साहू, दिनेश पटेल, योगेश देवांगन, शशिकांत कुर्रे, लेखराम देवांगन, लखेश्वर किरण, उमा तिवारी, विजय जैन, सहित कई अन्य लोग शामिल हैं।
छापेमारी के दौरान ईओडब्ल्यू टीमों ने महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल फोन, बैंक खातों की जानकारी और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए हैं। अधिकारियों के अनुसार, दस्तावेजों की जांच के बाद और भी कई खुलासे हो सकते हैं।
अब तक शासन द्वारा पांच गाँवों की रिपोर्ट मिलने पर ही ₹48 करोड़ की क्षति का आंकलन हुआ है। बाकी गाँवों की रिपोर्ट आना बाकी है, जिससे कुल नुकसान और बढ़ सकता है।
जांच जारी है।