Cgnews गरियाबंद: खुले में पड़ी लाखों की दवाइयों ने उजागर की स्वास्थ्य केंद्र की लापरवाही, कलेक्टर ने दिए उच्चस्तरीय जांच के आदेश
- उरमाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भारी मात्रा में जीवन रक्षक दवाइयां बिना उचित भंडारण के पाई गईं, वर्षा में भीगने से नुकसान की आशंका, प्रशासन सख्त

गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद ज़िले के उरमाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) से जुड़ी एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, लाखों रुपये की मूल्यवान जीवन रक्षक दवाइयां केंद्र परिसर में खुले आसमान के नीचे रखी पाई गईं, जो हाल की वर्षा में भी भीग गईं। इस घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर स्थिति को उजागर कर दिया है।
घटना के सामने आते ही गरियाबंद कलेक्टर बी. एस. उइके ने मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित जांच के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), देवभोग तुलसीदास मरकाम को जांच समिति का अध्यक्ष एवं तहसीलदार देवभोग को सदस्य नियुक्त किया है। कलेक्टर ने समिति को निर्देशित किया है कि वे 7 दिनों के भीतर पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
जांच कार्रवाई शुरू:
मंगलवार को जांच समिति के अध्यक्ष एसडीएम तुलसीदास मरकाम ने उरमाल स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का दौरा किया और घटनास्थल पर मौजूद कर्मचारियों से दवाइयों के भंडारण, रिकॉर्ड-रखाव और अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी ली। उन्होंने दवाओं की स्थिति, स्टोर की व्यवस्था, और उनके संरक्षण में बरती गई लापरवाही की गहनता से समीक्षा की।
प्रशासन की प्राथमिकता:
कलेक्टर उइके ने स्पष्ट किया है कि स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी संकेत दिए हैं कि दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय जनता की नाराजगी:
इस घटना को लेकर स्थानीय ग्रामीणों और मरीजों में नाराजगी देखी जा रही है। लोगों का कहना है कि जब सरकार मुफ्त दवाइयों की सुविधा देती है, तब ऐसे लापरवाह रवैये से जनता को भारी नुकसान होता है।