छत्तीसगढ़: बंदरचुआं और बगिया स्कूलों में शिक्षा क्रांति की शुरुआत, कलेक्टर रोहित व्यास के विजन से बदलने जा रहा है बच्चों का भविष्य…!

जशपुरनगर (गंगा प्रकाश)। जशपुर जिले की शिक्षा व्यवस्था में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। कलेक्टर श्री रोहित व्यास ने बुधवार को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बंदरचुआं और शासकीय हाई स्कूल बगिया का आकस्मिक निरीक्षण कर ऐसा सपना दिखाया है, जो आने वाले समय में इन ग्रामीण स्कूलों को राज्य के आदर्श मॉडल स्कूलों की श्रेणी में खड़ा कर देगा।
मॉडल स्कूल का मास्टर प्लान :
कलेक्टर श्री व्यास ने स्पष्ट कहा – “अब स्कूल सिर्फ भवन नहीं, बल्कि ज्ञान, विज्ञान और संस्कार की प्रयोगशाला बनेंगे।” उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि स्कूल का विस्तृत और आकर्षक आर्किटेक्चरल नक्शा तैयार किया जाए, जिसमें हाईटेक क्लास रूम, आधुनिक लाइब्रेरी, विज्ञान एवं कम्प्यूटर लैब, खेल मैदान, सांस्कृतिक मंच और सुंदर कलाकृतियों से सुसज्जित दीवारें हों।
शौचालय से लेकर साइंस क्लब तक – हर पहलू पर पैनी नजर :
बंदरचुआं स्कूल में निरीक्षण के दौरान उन्होंने बच्चों के लिए स्वच्छ और समुचित शौचालय सुविधा सुनिश्चित करने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने महापुरुषों की प्रेरणादायक तस्वीरें लगाने, आकर्षक दीवार चित्रांकन कराने, और स्कूल को पूरी तरह सजाने-संवारने के लिए विस्तृत निर्देश दिए।
बगिया स्कूल: विज्ञान, संस्कृति और खेल का संगम बनेगा :
हाई स्कूल बगिया में उन्होंने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की बात कही ताकि जल संरक्षण की सीख भी स्कूल से शुरू हो। उन्होंने आंगनबाड़ी बच्चों के लिए झूले, खेल सामग्री, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए भव्य मंच निर्माण का आदेश भी दिया।
प्रयोगशाला और विज्ञान शिक्षा को मिलेगी नई उड़ान :
बगिया स्कूल को विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी बनाने का संकल्प लेते हुए उन्होंने मॉडल साइंस लैब बनाने का निर्देश दिया। साथ ही विज्ञान शिक्षकों को प्रयोग आधारित शिक्षा पद्धति अपनाने की सलाह दी। उन्होंने साइंस क्लब गठन और बच्चों के लिए नियमित वर्कशॉप आयोजित करने की योजना भी बताई।
अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ यह ऐतिहासिक दौरा :
इस महत्वपूर्ण निरीक्षण में एसडीएम नंदजी पांडे, डिप्टी कलेक्टर प्रशांत कुशवाहा, आकाश गुप्ता और शिक्षा विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे। सभी ने इस पहल को जिले के शिक्षा क्षेत्र में मील का पत्थर बताया।
जशपुर जिले के इन दो स्कूलों की तस्वीर अब बदलने जा रही है। कलेक्टर रोहित व्यास का यह विजन सिर्फ स्कूल नहीं बदल रहा, बल्कि गांव के भविष्य को आकार दे रहा है। अगर यह मॉडल सफल होता है, तो यह पूरे छत्तीसगढ़ में ग्रामीण शिक्षा के नवजागरण का मार्ग प्रशस्त करेगा।