सूचना न देने पर जनसूचना अधिकारी पर कड़ी कार्यवाही: वेतनवृद्धि रोकी गई, ₹25,000 का अर्थदण्ड

राजनांदगांव (गंगा प्रकाश)। सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI Act 2005) के तहत मांगी गई जानकारी को समय पर उपलब्ध न कराने पर छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग ने थाना बागनदी के तत्कालीन जनसूचना अधिकारी केशरीचंद साहू पर सख्त कार्यवाही करते हुए एक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने और ₹25,000 का अर्थदण्ड लगाने का आदेश दिया है।
मामले का विवरण:
अधिवक्ता लवकुमार रामटेके, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने वर्ष 2022 में थाना बागनदी के तत्कालीन जनसूचना अधिकारी से सूचना मांगी थी। अधिकारी ने सूचना अधिनियम की धारा 8(1)(2) का हवाला देते हुए जानकारी देने से मना कर दिया। इसके बाद उन्होंने प्रथम अपील और फिर द्वितीय अपील राज्य सूचना आयोग में दायर की।
हालांकि आयोग में सुनवाई में विलंब होने पर श्री रामटेके ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। वर्ष 2024 में उच्च न्यायालय ने राज्य सूचना आयोग को चार माह में सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया।
आयोग का निर्णय:
आयोग ने जुलाई 2024 में पारित आदेश में जनसूचना अधिकारी पर पेनाल्टी के साथ-साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई हेतु पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव और राज्य शासन को निर्देशित किया था।
आयोग के निर्देशों के अनुपालन में देरी होने पर श्री रामटेके ने पुनः आयोग में शिकायत की। जानकारी आयोग के आदेश के 180 दिन बाद और कुल 988 दिन में दी गई। इस गंभीर लापरवाही को देखते हुए आयोग ने अप्रैल 2025 में अधिकारी को दोषी मानते हुए यह दंडादेश जारी किया।
आगे की कार्यवाही:
श्री रामटेके ने बताया कि वे अधिनियम के तहत देरी से हुई क्षति की क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर शीघ्र ही उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करेंगे।