CGNEWS:”जानलेवा बनी बस स्टैंड की लापरवाही! दल्ली राजहरा में निकली नुकीली लोहे की छड़, प्रशासन की गहरी नाकामी से बढ़ रही दुर्घटनाएं”

बालोद(गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ के दल्ली राजहरा बस स्टैंड के मुख्य द्वार पर निकली नुकीली लोहे की छड़ अब यात्रियों की जान के लिए बड़ा खतरा बन चुकी है। हाल ही में एक मासूम बालिका इस छड़ से टकराकर गिर पड़ी, गनीमत रही कि उसे गंभीर चोट नहीं आई। हालांकि, यह घटना प्रशासन की गहरी लापरवाही की ओर इशारा करती है, क्योंकि पहले भी इस स्थान पर कई यात्री घायल हो चुके हैं। यह दुर्घटनाएं बताती हैं कि स्थानीय प्रशासन की तरफ से सुरक्षा उपायों की कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है।

स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया है कि यह खतरनाक स्थिति नगर पालिका परिषद की लापरवाही का परिणाम है। उनका कहना है कि यह छड़ पहले भी यात्रियों के लिए खतरा बन चुकी है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। एक स्थानीय निवासी ने बताया, “इस बस स्टैंड पर आए दिन लोग चोटिल हो रहे हैं, लेकिन प्रशासन इसकी ओर ध्यान नहीं दे रहा।”
नगर पालिका परिषद और पूर्व अध्यक्ष पर आरोप:
इस अव्यवस्था के लिए नगर पालिका परिषद को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, खासकर पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शीबू नायर के कार्यकाल के दौरान हुई अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के चलते। जानकारी के अनुसार, पूर्व अध्यक्ष के कार्यकाल में बस स्टैंड के रखरखाव में भारी अनियमितताएँ हुईं, और सीमेंट क्रांक्रीटिंग का काम भी बुरी तरह से हुआ। इसके बाद से बस स्टैंड की स्थिति बद से बदतर हो गई है। स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया है कि यह एक सुनियोजित तरीके से की गई लापरवाही थी, जिसका परिणाम आज यात्रियों की जान के खतरे के रूप में सामने आ रहा है।
शुरू हुई जांच, लेकिन कार्रवाई कब?
इस खतरनाक स्थिति के बारे में हाल ही में दुर्ग से एक जांच दल दल्ली राजहरा आया था। जांच दल ने घटनास्थल का दौरा किया और निरीक्षण किया, लेकिन अभी तक इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि बस स्टैंड के रखरखाव में गंभीर अनियमितताएँ हुई हैं। हालांकि, स्थानीय नागरिकों को अभी तक यह नहीं समझ में आया है कि जांच के बावजूद प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई क्यों नहीं की।
मुख्यमंत्री की तरफ उम्मीदें:
अब सभी की निगाहें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार पर टिकी हैं। नागरिकों का कहना है कि राज्य सरकार को इस गंभीर मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। लोगों का मानना है कि अगर अब भी इस मामले पर ध्यान नहीं दिया गया, तो भविष्य में और भी बड़ी दुर्घटनाएं हो सकती हैं, जो यात्रियों के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं।
नागरिकों की अपील:
स्थानीय नागरिकों ने वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष तोरण साहू से भी बस स्टैंड की स्थिति सुधारने की मांग की है। उनका कहना है कि बस स्टैंड की मरम्मत और सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। नागरिकों का यह भी कहना है कि अगर प्रशासन शीघ्र इस मामले पर कार्रवाई नहीं करता, तो वे सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
आखिरकार, यह सवाल उठता है कि प्रशासन और स्थानीय अधिकारी इस प्रकार की लापरवाही को कब तक नजरअंदाज करते रहेंगे, और कितने मासूमों की जान खतरे में डालेंगे? क्या यह मामला एक बार फिर ठंडे बस्ते में चला जाएगा, या प्रशासन इस पर ठोस कार्रवाई करेगा?