पत्रकार महासंघ छत्तीसगढ़ ने एक साथ दो जिलों की इकाइयों को किया भंग, अनुशासनहीनता पर बड़ी कार्रवाई

रायपुर (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता जगत में आज बड़ा कदम उठाते हुए, पत्रकार महासंघ छत्तीसगढ़ ने नारायणपुर और महासमुंद जिला इकाइयों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। यह निर्णय दोनों जिलों की इकाइयों की लंबी अवधि से चलते आ रहे संगठनात्मक शिथिलता एवं अनुशासनहीनता को देखते हुए लिया गया है।
प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार यादव द्वारा जारी आदेश क्रमांक 11/2025 (नारायणपुर) एवं 12/2025 (महासमुंद) में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि दोनों जिला इकाइयाँ संगठन की नीतियों, कार्यक्रमों एवं उत्तरदायित्वों का पालन करने में असफल रहीं।
आदेश का महत्वपूर्ण बिंदु –
- दोनों जिलों की इकाइयाँ तत्काल प्रभाव से भंग।
- संबंधित जिलों के सभी कार्य एवं दस्तावेज़ अब प्रदेश संगठन के अधीन होंगे।
- कोई व्यक्ति पत्रकार महासंघ छत्तीसगढ़ के नाम का उपयोग बिना अधिकृत अनुमति के नहीं कर पाएगा।
- उल्लंघन की स्थिति में कठोर अनुशासनात्मक एवं कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- दोनों जिलों को पत्रकार महासंघ छत्तीसगढ़ के तमाम कार्यों से पूरी तरह शून्य घोषित कर दिया गया है।
संगठनात्मक निष्क्रियता पर कड़ी नजर
सूत्रों के अनुसार, विगत कई महीनों से दोनों जिला इकाइयों को लगातार सक्रियता बढ़ाने और कार्यक्रमों में भागीदारी के निर्देश दिए जा रहे थे। लेकिन स्थिति में कोई विशेष सुधार न होने के कारण, अंततः प्रदेश अध्यक्ष श्री यादव को यह कठिन निर्णय लेना पड़ा।
यह कदम प्रदेश संगठन की उस सोच को भी प्रतिबिंबित करता है कि संगठन की हर इकाई को सक्रिय, पारदर्शी और उत्तरदायी होना चाहिए। जो इकाइयां इस सिद्धांत पर खरी नहीं उतरतीं, उनके खिलाफ तत्काल एक्शन लिया जाएगा।
भविष्य में क्या?
पत्रकार महासंघ छत्तीसगढ़ ने यह भी स्पष्ट किया कि दोनों जिलों में पुनर्गठन की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। नए चेहरे, नई ऊर्जा और संगठन के प्रति समर्पित पत्रकारों को जोड़ने का प्रयास होगा।
प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार यादव ने कहा,
“संगठन के संविधान और अनुशासन के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। संगठन एक विचार है, जो सक्रियता पर टिका है। जो निष्क्रिय रहेंगे, उन्हें संगठित परिवार में स्थान नहीं मिलेगा।”
पत्रकार महासंघ छत्तीसगढ़ की ओर से सभी जिलों के लिए संदेश –
यह एक सख्त संदेश सभी जिला इकाइयों के लिए है कि संगठन की नीतियों, दिशा निर्देशों एवं अनुशासन का पालन करना अनिवार्य है। लोकल राजनीति या व्यक्तिगत रुचियों से परे रहकर पत्रकारों को संगठन की गरिमा बनाए रखना जरूरी है।
क्यों महत्वपूर्ण है यह कार्रवाई?
- संगठन में पारदर्शिता और सक्रियता को बढ़ाने का प्रयास।
- निष्क्रिय इकाइयों का पुनर्गठन कर नए ऊर्जा के साथ खड़े होने की तैयारी।
- एक सकारात्मक और अनुशासित कार्य प्रणाली स्थापना की दिशा में बड़ा कदम।