CGNEWS:मिडमिडा स्कूल में देशभक्ति की मिसाल: समर कैंप बना राष्ट्रीय भावना का उत्सव
बच्चों ने ऑपरेशन सिंदूर को चित्रों में रचा, हाथों में तिरंगा लेकर जवानों को किया नमन


रायगढ़ (गंगा प्रकाश)। जहाँ एक ओर छुट्टियों में बच्चे आमतौर पर खेल और मौज-मस्ती में व्यस्त रहते हैं, वहीं पुसौर विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला मिडमिडा में बच्चों ने समर कैंप को देशभक्ति का महोत्सव बना दिया। जिला कार्यालय रायगढ़ के मार्गदर्शन में आयोजित इस समर कैंप की शुरुआत 10 मई को एक अलग ही ऊर्जा और उद्देश्य के साथ हुई — देश के जवानों को सलाम और राष्ट्रभक्ति को समर्पण।
संस्था प्रमुख श्री विजेंद्र चौहान के सशक्त नेतृत्व में समर कैंप की गतिविधियाँ न केवल रचनात्मक रहीं, बल्कि गहरे भावनात्मक जुड़ाव से भरी हुई थीं। बच्चों ने “ऑपरेशन सिंदूर” पर केंद्रित चित्रों और पेंटिंग के माध्यम से न केवल कला का प्रदर्शन किया, बल्कि अपने भीतर पल रही राष्ट्रभक्ति को रंगों के ज़रिए साकार किया।
तिरंगे के साथ बच्चों का संकल्प:
“हम भी देश के लिए कुछ कर सकते हैं”
कक्षा 3 से 5 तक के बच्चों ने जब हाथों में तिरंगा लेकर ‘विजयी भव’ के नारे लगाए, तो पूरा परिसर देशभक्ति की लहरों से गूंज उठा। बच्चों ने सरहद पर तैनात सैनिकों को समर्पित चित्रों में बलिदान, शौर्य और वीरता के भावों को जीवंत कर दिया। एक छात्रा ने ‘एक सैनिक की चिट्ठी’ पर आधारित अभिनय कर सभी को भावुक कर दिया।
समर कैंप नहीं, संस्कार शिविर बनता दिखा आयोजन
यह समर कैंप केवल कला और मनोरंजन का माध्यम नहीं रहा, बल्कि यह बच्चों को संस्कार, अनुशासन, एकता और देशसेवा के मूल्यों से जोड़ने का एक प्रयास बन गया। बच्चों में सीखने की ललक इतनी प्रबल रही कि उन्होंने हर गतिविधि में उत्साह से भाग लिया और आपस में सहयोग की मिसाल पेश की।
शाला स्टाफ की मेहनत और पालकों का समर्थन भी इस आयोजन की सफलता का मजबूत आधार बना। शिक्षकों ने न केवल बच्चों को दिशा दी, बल्कि स्वयं भी सभी गतिविधियों में उत्साहपूर्वक भाग लिया।
आने वाले दिनों में और भी होंगे विशेष सत्र
संस्था प्रमुख श्री विजेंद्र चौहान ने बताया कि समर कैंप के आगामी दिनों में नेतृत्व विकास, संवाद कला, योग, सामूहिक खेल और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर भी विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। बच्चों को न केवल एक अच्छा नागरिक बल्कि एक संवेदनशील इंसान बनाने की दिशा में यह कैंप मील का पत्थर साबित हो रहा है।
“देशभक्ति सिर्फ किताबों में नहीं, अब बच्चों के दिलों में भी उतर चुकी है — मिडमिडा स्कूल इसका चमकता उदाहरण है।”