Brekings news:गरियाबंद में पुलिस का बड़ा धमाका: पिता-पुत्र गिरफ्तार, 21 लीटर ‘डबल लाल घोड़ा छाप’ अवैध महुआ शराब बरामद!

गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में एक बार फिर गरजा ‘नया सवेरा अभियान’ का डंडा! देवभोग थाना पुलिस ने दो अलग-अलग मामलों में उड़ीसा प्रांत से लाई गई अवैध कच्ची महुआ शराब के जखीरे के साथ पिता-पुत्र की जोड़ी को गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया है। शराब की मात्रा कोई मामूली नहीं, पूरे 21 बल्क लीटर और वो भी डबल लाल घोड़ा छाप—एक ब्रांड जो सीमावर्ती क्षेत्रों में जहरीली कच्ची शराब के रूप में बदनाम है।
ऑपरेशन “डबल घोड़ा”: कैसे फंसे आरोपी?
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर “नया सवेरा” अभियान के तहत देवभोग पुलिस ने अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लगातार मुखबिरों को सक्रिय कर निगरानी बढ़ाई जा रही थी, और इसी कड़ी में 9 व 10 मई की दरमियानी रात दो तगड़े खुलासे हुए।
पहला झटका: खम्हारगुड़ा में 59 वर्षीय बुजुर्ग पैदल ले जा रहा था शराब का ज़हर!
पुलिस टीम ने मुखबिर की सूचना पर जब ग्राम लक्ष्मी चौक के पास दबिश दी तो वहां 59 वर्षीय बेनुराम यादव, निवासी खम्हारगुड़ा, पैदल ही शराब की पेटियां ले जाता हुआ मिला। उसके पास से 30 पाव (प्रत्येक 200 एमएल) कच्ची महुआ शराब बरामद की गई — यानी कुल 6 लीटर, जिसकी काली बाजार में कीमत ₹750 से अधिक आंकी गई।
बेनुराम यादव की गिरफ्तारी ने पुलिस को उस रैकेट के सिरों तक पहुँचने का सुराग दिया, जो सीमापार उड़ीसा से शराब ला रहे थे।
दूसरा वार: बेटे ने पिता से भी एक कदम आगे निकला! खेत में छिपा रखा था पूरा जखीरा
बाप के बाद बेटा भी कम नहीं निकला। अगले ही दिन धर्मराज यादव (उम्र 22), जो कि बेनुराम का बेटा है, को ग्राम सागौनबाड़ी के पास उधोराम कश्यप के खेत के कच्चे रास्ते में पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ लिया।
धर्मराज ने शराब को बड़ी चालाकी से झाड़ियों के बीच छिपा रखा था, लेकिन पुलिस की पैनी नजर से बच नहीं सका। उसके कब्जे से 75 पाव (प्रत्येक 200 एमएल), यानी कुल 15 लीटर कच्ची शराब जब्त की गई, जिसकी कीमत लगभग ₹1875 बताई जा रही है।
कुल पकड़: 21 लीटर जहरीली कच्ची शराब, दो गिरफ्तार, एक ही परिवार के सदस्य!
इस अभियान में पुलिस ने कुल 21 लीटर अवैध शराब जब्त की है, जो समाज के लिए सीधा ज़हर है। दोनों आरोपियों को गवाहों की उपस्थिति में गिरफ्तार कर अलग-अलग प्रकरणों में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
थाना प्रभारी का बयान: “किसी भी हालत में बख्शे नहीं जाएंगे नशे के सौदागर”
थाना प्रभारी, देवभोग ने प्रेस से बात करते हुए कहा:
“हमारा अभियान सिर्फ गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है। हम इस पूरे नेटवर्क की जड़ तक पहुँचने के लिए सतर्क हैं। समाज में जहर घोलने वाले इन सौदागरों को बख्शा नहीं जाएगा।”
उन्होंने आम जनता से अपील की कि कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
पृष्ठभूमि: क्यों ख़तरनाक है ‘डबल लाल घोड़ा छाप’ शराब?
जानकारों की मानें तो उड़ीसा की सीमावर्ती क्षेत्रों में तैयार की जाने वाली डबल लाल घोड़ा छाप कच्ची महुआ शराब अक्सर बिना किसी गुणवत्ता जांच के तैयार की जाती है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जोखिम और कभी-कभी मौत तक हो जाती है। यही वजह है कि इसकी बिक्री पूरी तरह अवैध है।
अंत में…
गरियाबंद पुलिस की यह कार्रवाई न केवल अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुँचाने का कार्य है, बल्कि पूरे समाज को यह चेतावनी भी है कि नशे के खिलाफ पुलिस और जनता जब एक साथ आते हैं, तो अपराध की कोई जगह नहीं बचती।