Cgnews:रेत माफियाओं का खूनी तांडव: बलरामपुर में पेट्रोलिंग पर निकले आरक्षक की निर्मम हत्या, शासन-प्रशासन पर उठे सवाल

Cgnews:रेत माफियाओं का खूनी तांडव: बलरामपुर में पेट्रोलिंग पर निकले आरक्षक की निर्मम हत्या, शासन-प्रशासन पर उठे सवाल

 

बलरामपुर/छत्तीसगढ़ (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ की धरती एक बार फिर अपराधियों के खूनी खेल से थर्रा उठी है। बलरामपुर जिले के सनावल थाना क्षेत्र अंतर्गत झारखंड सीमा से लगे लिब्रा गांव में सोमवार देर रात रेत माफियाओं ने कानून के रक्षक पर ही हमला बोल दिया। पेट्रोलिंग पर निकले पुलिस दल पर हुए हमले में एक बहादुर आरक्षक की मौके पर ही बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस सनसनीखेज वारदात ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है।

अवैध खनन पर रोक लगाने गई थी टीम, घात लगाकर किया गया हमला

प्राप्त जानकारी के अनुसार, बलरामपुर पुलिस को लिब्रा गांव में कन्हर नदी के किनारे अवैध रेत उत्खनन की पुख्ता सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी और एक आरक्षक के नेतृत्व में टीम मौके पर रवाना हुई। जैसे ही पुलिस दल नदी के किनारे पहुंचा, पहले से घात लगाकर बैठे रेत माफियाओं ने धारदार हथियारों और लाठियों से हमला बोल दिया। हमला इतना अचानक और तीव्र था कि एक आरक्षक की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि अन्य कर्मियों ने किसी तरह जान बचाकर भागने में सफलता पाई।

गांव में मातम, ग्रामीणों में उबाल

घटना के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है, वहीं ग्रामीणों में उबाल है। उनका कहना है कि वर्षों से इस क्षेत्र में अवैध रेत खनन खुलेआम चल रहा है। उन्होंने कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को इसकी शिकायत की, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिले। अब जब पुलिस पर ही हमला हो गया, तो आम नागरिकों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।

राज्य के मंत्री का गृहक्षेत्र, फिर भी नहीं थमा माफियाओं का तांडव

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह इलाका छत्तीसगढ़ सरकार के कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम का गृहग्राम है। बावजूद इसके रेत माफियाओं की दबंगई चरम पर है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मंत्री के होते हुए भी क्षेत्र में कानून व्यवस्था का हाल बद से बदतर होता जा रहा है।

प्रशासन की भूमिका संदिग्ध, अधिकारियों पर उगाही के आरोप

इस हत्याकांड के बाद राजनीति भी गरमा गई है। जिला पंचायत सदस्य ने पुलिस और प्रशासन पर सीधे आरोप लगाए हैं कि कई अधिकारी रेत माफियाओं से उगाही में शामिल हैं। उनका कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते ठोस कदम उठाए होते, तो आज एक जवान की शहादत नहीं होती।

कलेक्टर, एसपी पहुंचे मौके पर, एक गिरफ्तारी, कई फरार

घटना की जानकारी मिलते ही बलरामपुर कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य हमलावरों की तलाश जारी है। एसपी ने मीडिया से कहा, “हम इस घटना को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।”

प्रदेशभर में उबाल, सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल

आरक्षक की हत्या ने पूरे प्रदेश में आक्रोश की लहर दौड़ा दी है। रेत माफियाओं के हौसले इतने बुलंद कैसे हो गए कि अब वे पुलिस बल पर भी हमला करने से नहीं डरते? यह सवाल अब आम जनता से लेकर राजनैतिक गलियारों तक गूंज रहा है।

क्या अब भी चुप रहेगा सिस्टम?

इस घटना ने छत्तीसगढ़ की प्रशासनिक प्रणाली की पोल खोल दी है। सवाल यह है कि क्या अब भी सिस्टम जागेगा? क्या अब भी रेत माफियाओं पर सिर्फ कागजी कार्रवाई होगी या कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे?

शहीद आरक्षक को श्रद्धांजलि देते हुए, हम यह मांग करते हैं कि—

  1. इस पूरे नेटवर्क की उच्चस्तरीय जांच हो
  2. दोषी अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए
  3. शहीद आरक्षक के परिवार को सम्मान, मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी दी जाए
  4. पूरे क्षेत्र में अवैध रेत खनन पर तत्काल रोक लगे और निगरानी बढ़े
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