CGNEWS: ऑपरेशन सिंदूर की ऐतिहासिक सफलता पर बारूला में उमड़ा राष्ट्रप्रेम, गूंजे वंदे मातरम् और भारत माता की जय के नारे — निकली भव्य तिरंगा यात्रा

फिंगेश्वर/गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। गरियाबंद जिला में देशभक्ति की एक ऐतिहासिक मिसाल शनिवार को उस समय दर्ज हुई जब फिंगेश्वर विकासखंड के ग्राम बारूला में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के उपलक्ष्य में एक विशाल और भव्य तिरंगा यात्रा निकाली गई। यह यात्रा सिर्फ एक रैली नहीं थी, बल्कि यह गांव-गांव में भारत माता के प्रति अगाध प्रेम और भारतीय सेना के शौर्य को समर्पित एक जन-आंदोलन जैसा दृश्य बन गया।
गौरतलब है कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में आतंकवादियों द्वारा की गई नृशंस घटना के बाद भारत ने कड़ा जवाब देते हुए ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। इस सैन्य अभियान में भारत ने दुश्मनों के ठिकानों को ध्वस्त कर यह स्पष्ट कर दिया कि हमारी एकता, संप्रभुता और अखंडता के साथ कोई समझौता नहीं होगा। ऑपरेशन की सफलता की खबर देशभर में जहां गर्व का विषय बनी, वहीं ग्राम बारूला ने इस मौके को राष्ट्र के प्रति एकजुटता और समर्थन का प्रतीक बना दिया।
गांव में देशभक्ति का सैलाब
शनिवार सुबह जैसे ही तिरंगा यात्रा का बिगुल बजा, पूरा गांव देशभक्ति के रंग में सराबोर हो गया। हाथों में तिरंगा थामे, सिर पर तिरंगा पट्टी बांधे, भारत माता की जय और वंदे मातरम् के नारों से गूंजते लोग, मानो गांव की हर गली और चौराहा देशभक्ति से झूम उठा हो।
यात्रा की शुरुआत ग्राम पंचायत भवन से हुई। इसके बाद यह यात्रा गांव के मुख्य मार्गों, गलियों और चौकों से होती हुई अटल चौक पर आकर समाप्त हुई। पूरे मार्ग में एक उत्सव सा माहौल था। महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में तिरंगे झंडे लहराती चल रही थीं, बच्चे “माँ तुझे सलाम” जैसे गीतों पर थिरक रहे थे, और युवा देशभक्ति नारों के साथ वातावरण में जोश भर रहे थे।
गांववासियों की बड़ी भागीदारी
इस यात्रा में गांव के सरपंच सुकदेव राम साहू, उपसरपंच उत्तम सोनवानी, सचिव गोपेश सेन, पंचगण सुनील निर्मलकर, हेमकुमारी ध्रुव, उमा साहू, पूर्णिमा पराना, दुर्गा साहू, अमृत ध्रुव, चन्द्रिका मारकंडे, कमला साहू, बूथ अध्यक्ष कमलेश साहू, साथ ही इन्दरमन साहू, सुखराम साहू, झाडूराम साहू, दुलखा राम साहू, कृपाराम साहू, रोजगार सहायक दीपक कुमार साहू, बिहान प्रतिनिधि मालती पराना, कौशिल्या साहू, कामिनी साहू, अनिता बांधे, केशर साहू, महिला कमांडो रोशनी साहू, कौशिल्या टंडन, बिरझा बाई और अनेक ग्रामीणजन पूरे उत्साह और गर्व के साथ शामिल हुए।
सरपंच का प्रेरणादायक संबोधन
अटल चौक पर आयोजित सभा में सरपंच सुकदेव राम साहू ने कहा, “यह तिरंगा यात्रा केवल एक शोभा यात्रा नहीं, बल्कि यह उस विश्वास का प्रतीक है जो हम अपनी भारतीय सेना पर करते हैं। ऑपरेशन सिंदूर ने यह साबित कर दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ सिर्फ निंदा नहीं, बल्कि निर्णायक कार्रवाई करने वाला देश है। हमारी सेना हर चुनौती से निपटने में सक्षम है। हमें गर्व है कि हम ऐसे देश के नागरिक हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि यह यात्रा नई पीढ़ी को यह संदेश देती है कि देशभक्ति केवल 15 अगस्त या 26 जनवरी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हर दिन और हर क्षण जीवंत रहनी चाहिए।
महिलाओं और युवाओं ने निभाई अग्रणी भूमिका
गौर करने वाली बात यह रही कि इस यात्रा में महिलाओं और युवाओं की भागीदारी सबसे अधिक रही। महिलाओं ने न सिर्फ तिरंगा यात्रा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, बल्कि पूरे कार्यक्रम की व्यवस्था और अनुशासन बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाई। महिला कमांडो रोशनी साहू की अगुवाई में महिलाओं की टुकड़ी पूरे जोश के साथ यात्रा की अगली पंक्ति में चल रही थी।
एकता और जागरूकता का प्रतीक बनी यात्रा
तिरंगा यात्रा के दौरान गांव के युवाओं ने आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता पोस्टर भी लहराए। कुछ जगहों पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि देश की एकता और अखंडता सबसे ऊपर है और इसके लिए हर नागरिक को जागरूक और सतर्क रहना चाहिए।
निष्कर्ष:
ग्राम बारूला में निकली यह तिरंगा यात्रा एक मिसाल बन गई है। यह न सिर्फ देशभक्ति की भावना का सार्वजनिक प्रदर्शन था, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। बारूला ने यह साबित कर दिया कि जब बात देश की रक्षा, अस्मिता और सम्मान की हो, तो गांव का हर नागरिक सेना के साथ खड़ा है — एकजुट, सजग और प्रेरित।