CGNEWS:भारत के खिलाफ साजिश रचने वालों को नहीं बख्शेगा हिंदुस्तान – मनीष हरित
तुर्की और अजरबैजान पर प्रतिबंध का समर्थन, युवाओं से पर्यटन बहिष्कार की अपील

फिंगेश्वर /गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। “भारत अब दुश्मन देशों और उनके समर्थकों को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। जो राष्ट्र पाकिस्तान जैसे आतंक के सरपरस्त का साथ देंगे, उन्हें भारत की जनता और सरकार से कड़ा जवाब मिलेगा।” यह तीखा और स्पष्ट संदेश दिया है भाजपा किसान मोर्चा के गरियाबंद जिलाध्यक्ष मनीष हरित ने।
मनीष हरित ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति और भारत सरकार द्वारा तुर्की व अजरबैजान पर लगाए गए प्रतिबंधों का खुलकर समर्थन करते हुए कहा कि “जिस तरह तुर्की ने खुलेआम पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति कर भारत विरोधी गतिविधियों को समर्थन दिया, अब भारत की मोदी सरकार बिना हथियार उठाए ही उसकी कमर तोड़ने की दिशा में आगे बढ़ चुकी है।”
तुर्की और पाकिस्तान की “दोस्ती”, भारत के लिए धोखा
हरित ने जोर देकर कहा कि तुर्की और अजरबैजान पाकिस्तान की भारत विरोधी नीति के साथ खड़े होकर आतंकवाद को परोक्ष रूप से बढ़ावा दे रहे हैं। “आज जब भारत वैश्विक स्तर पर अपनी आर्थिक और कूटनीतिक ताकत को बढ़ा रहा है, तब कुछ मुस्लिम राष्ट्र, पाकिस्तान के प्रभाव में आकर भारत के खिलाफ साजिशों में लिप्त हैं। यह अब और बर्दाश्त नहीं होगा,” हरित ने चेतावनी भरे स्वर में कहा।
“भूल गया तुर्की भारत का ‘दोस्ती’ वाला हाथ”
हरित ने तुर्की को याद दिलाया कि जब 2023 में विनाशकारी भूकंप ने तुर्की में हज़ारों जिंदगियाँ लील ली थीं, उस समय सबसे पहले भारत ही था जिसने “ऑपरेशन दोस्त” के तहत राहत एवं बचाव कार्यों के लिए सहायता भेजी थी। “भारत ने मानवता की मिसाल कायम की थी, लेकिन तुर्की ने एहसान फरामोशी दिखाते हुए पाकिस्तान का साथ देना चुना। भारत यह विश्वासघात नहीं भूलेगा,” हरित ने भावुकता और गुस्से के मिश्रण के साथ कहा।
“भारत का बहिष्कार तुर्की को पड़ेगा भारी”
हरित का मानना है कि भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया आर्थिक प्रतिबंध और बहिष्कार अभियान तुर्की की अर्थव्यवस्था को गहरे झटके देगा। “तुर्की की अर्थव्यवस्था में भारत से आने वाले पर्यटकों, व्यापारिक सौदों और फिल्म उद्योग का बड़ा योगदान रहा है। अब जब भारत ने उससे नाता तोड़ लिया है, तो वह दिन दूर नहीं जब तुर्की को पाकिस्तान की तरह आर्थिक दिवालियापन का सामना करना पड़ेगा।”
युवाओं से की बहिष्कार की अपील
मनीष हरित ने विशेष रूप से भारत के युवाओं से अपील करते हुए कहा कि यदि वे देशभक्ति का वास्तविक उदाहरण देना चाहते हैं तो तुर्की जैसे राष्ट्रों का पूर्ण बहिष्कार करें। “अब समय आ गया है कि हम अपने पर्यटन, व्यापार, निवेश और विचार से ऐसे राष्ट्रों को सबक सिखाएं जो भारत के खिलाफ खड़े हैं। जो युवा विदेश यात्रा की योजना बना रहे हैं, वे तुर्की और अजरबैजान जैसे देशों को अपनी सूची से हटा दें।”
श्री हरित ने यह भी बताया कि देश के कई बड़े कारोबारी समूह, फिल्म निर्माता और निर्यातक पहले ही तुर्की से व्यापारिक रिश्ते खत्म कर चुके हैं। “जब उद्योगपतियों ने फैसला कर लिया, जब फिल्म जगत ने शूटिंग रोक दी, तो भारत का युवा वर्ग क्यों पीछे रहे?” उन्होंने यह बात जोर देते हुए कही।
“मोदी सरकार की विदेश नीति सख्त और स्पष्ट”
उन्होंने प्रधानमंत्री श्री मोदी की विदेश नीति की सराहना करते हुए कहा कि “यह नई भारत की विदेश नीति है – जो देश भारत विरोधियों के साथ खड़े होंगे, उन्हें सीधे आर्थिक और कूटनीतिक हानि उठानी पड़ेगी। मोदी सरकार राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखती है और अब राष्ट्रहित से समझौता नहीं होगा।”
निष्कर्ष
भारत की विदेश नीति में आए इस बदलाव का असर अब वैश्विक स्तर पर देखा जा रहा है। जिस प्रकार देश ने तुर्की और अजरबैजान जैसे राष्ट्रों पर सख्ती दिखाई है, वह यह संकेत देता है कि भारत अब केवल सहनशीलता की नीति पर नहीं, बल्कि सम्मानजनक जवाब की राह पर चल चुका है। मनीष हरित जैसे क्षेत्रीय नेताओं की यह तीखी प्रतिक्रिया दर्शाती है कि केवल सरकार ही नहीं, बल्कि आम जनता और राजनीतिक कार्यकर्ता भी भारत विरोधी ताकतों को जवाब देने को तैयार हैं।