CGNEWS: गरियाबंद में कलेक्टर बी.एस. उइके ने राजस्व अधिकारियों की खिंचाई करते हुए कहा — “प्रत्येक लंबित प्रकरण का होगा समयबद्ध निराकरण, वरना होगी सख्त कार्यवाही”
— सीमांकन, नामांतरण, डायवर्सन, मुआवजा, आर.बी.सी. 6-4 सहित सभी मामलों पर तेज़ी से चलेगा अभियान

गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। जिले में लंबित राजस्व प्रकरणों के अंबार पर कलेक्टर बी.एस. उइके ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दो टूक शब्दों में चेतावनी दी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अनावश्यक रूप से लंबित रखे गए राजस्व प्रकरणों को अब अभियान चलाकर शीघ्र निराकृत किया जाए, अन्यथा संबंधित अधिकारियों पर कार्यवाही की जाएगी।
बैठक में कलेक्टर ने जिले के सभी एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदारों सहित राजस्व विभाग के मैदानी अमले की जमकर क्लास ली और लंबित मामलों की तहसीलवार विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने कहा कि अविवादित नामांतरण, डायवर्सन, सीमांकन, भू-अर्जन, त्रुटि सुधार, वृक्ष कटाई, आरबीसी 6-4 जैसे मामलों में अनावश्यक देरी जनता की परेशानी को बढ़ा रही है, जिसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
समय सीमा में निपटाएं प्रकरण, नहीं तो होगी जवाबदेही तय:
श्री उइके ने निर्देश दिए कि राजस्व न्यायालयों— यथा एसडीएम, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार स्तर पर लंबित मामलों की सुनवाई नियमित होनी चाहिए और उन्हें त्वरित गति से निपटाया जाए। सीमांकन जैसे मामलों में आर.आई. एवं पटवारी की विशेष टीमें गठित कर मौके पर जाकर कार्य करने की हिदायत दी गई।
डिजिटल दस्तावेज़ सत्यापन और मसाहती गांवों का सर्वे भी जल्द पूरा करें:
बैठक में कलेक्टर ने जिले में डिजिटल दस्तावेजों के सत्यापन, पटवारियों के डिजिटल हस्ताक्षर, मसाहती और असर्वेक्षित ग्रामों के भू-सर्वेक्षण, भू-नक्शों के अद्यतन कार्य की भी प्रगति की जानकारी ली। साथ ही उन्होंने स्पष्ट कहा कि किसी भी योजना का लाभ पात्र व्यक्ति को मिलने में देरी नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जनदर्शन और कलेक्टर जनदर्शन के आवेदनों को लें प्राथमिकता में:
कलेक्टर ने कहा कि जनप्रतिनिधियों एवं नागरिकों द्वारा मुख्यमंत्री जनदर्शन, कलेक्टर जनदर्शन व अन्य माध्यमों से दिए गए आवेदनों को भी गंभीरता से लिया जाए। उन्होंने कहा कि नागरिकों की समस्या का समाधान ही प्रशासन का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए। इसके लिए उन्होंने सप्ताहवार समीक्षा और फॉलोअप की व्यवस्था लागू करने को कहा।
अवैध कॉलोनियों और निर्माण पर चलेगा बुलडोजर?
कलेक्टर ने अवैध कॉलोनी निर्माण एवं अनधिकृत निर्माणों पर सख्ती बरतने के संकेत दिए। उन्होंने पूर्व में प्राप्त आवेदनों के निराकरण की स्थिति और संबंधित कार्रवाई की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यदि कहीं भी कानून का उल्लंघन हुआ है तो संबंधित पर एफआईआर दर्ज कर कठोर कदम उठाए जाएं।
मुआवजा और आर.बी.सी. 6-4 के प्रकरणों पर बनेगी कार्ययोजना:
किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर ने फसल क्षति और अन्य आपदाओं के अंतर्गत आने वाले मुआवजा प्रकरणों को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए। उन्होंने छुटे हुए बच्चों के जाति, निवास प्रमाण पत्रों की भी समय-सीमा में पूर्ति सुनिश्चित करने को कहा।
सख्त संदेश — लापरवाही बर्दाश्त नहीं:
कलेक्टर श्री उइके ने दो टूक कहा कि यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई गई, या नागरिकों की शिकायतें प्राप्त हुईं तो दोषी अधिकारियों पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने साफ किया कि अब “फ़ाइलें अटकाने” की संस्कृति को जड़ से खत्म किया जाएगा और आमजन को राहत देने वाली कार्यशैली अपनाई जाएगी।
बैठक में कौन-कौन थे मौजूद:
इस समीक्षा बैठक में अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय, एसडीएम प्रकाश राजपूत सहित सभी अनुभाग के एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं राजस्व विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। सभी को निर्देशित किया गया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में अभियान चलाकर पेंडिंग मामलों को क्लोज करें और साप्ताहिक रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
निष्कर्ष:
कलेक्टर बी.एस. उइके का यह निर्देश स्पष्ट रूप से जिले में प्रशासनिक चुस्ती लाने की कोशिश है। यदि यह अभियान धरातल पर सख्ती से लागू हुआ तो न केवल हजारों लंबित मामलों का समय पर समाधान होगा बल्कि नागरिकों का प्रशासन में विश्वास भी सुदृढ़ होगा।