Brekings:छुरा में तेंदुए के अंगों की तस्करी का भंडाफोड़ – तीन गिरफ्तार, वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम की कड़ी धाराएं लगाकर जेल भेजा गया

गिरफ्तार आरोपी तेंदुआ तस्करी केस

Brekings:छुरा में तेंदुए के अंगों की तस्करी का भंडाफोड़ – तीन गिरफ्तार, वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम की कड़ी धाराएं लगाकर जेल भेजा गया

 

छुरा (गंगा प्रकाश)। छुरा से एक बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहाँ वन विभाग की सतर्कता और त्वरित कार्यवाही के चलते वन्यप्राणी तेंदुए के अंगों की तस्करी का गंभीर मामला उजागर हुआ है। इस सनसनीखेज मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 की कठोर धाराओं के तहत न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

गिरफ्तार आरोपी तेंदुआ तस्करी केस

यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ शासन के वन मंत्री केदार कश्यप के संरक्षण नीति के प्रति कड़े रुख, एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव (भा.व.से.) के निर्देशों का प्रत्यक्ष परिणाम मानी जा रही है। इस अभियान का नेतृत्व वनमंडलाधिकारी लक्ष्मण सिंह (भा.व.से.), उप निदेशक उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व वरुण जैन (भा.व.से.), एवं उपवनमंडलाधिकारी विकास चन्द्राकर (रा.व.से.) के मार्गदर्शन में हुआ।

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तेंदुए की मौत की सूचना से शुरू हुई जांच

दिनांक 11 मई 2025 को वन परिक्षेत्र छुरा के अंतर्गत पेण्ड्रा परिसर (वन कक्ष पी-298) में तेंदुए के मृत पाए जाने की सूचना विभाग को मिली। मौके पर निरीक्षण करने पर पूरा शव नहीं मिला, लेकिन मांस, त्वचा, बाल और पूंछ का अंतिम हिस्सा पहाड़ी क्षेत्र में बरामद हुआ। यह साफ संकेत था कि तेंदुए की हत्या कर उसके अंगों को अवैध व्यापार के लिए निकाला गया है।

वन अपराध दर्ज कर मामले की त्वरित विवेचना प्रारंभ की गई, जिसमें वन परिक्षेत्र अधिकारी धीरेन्द्र साहू व उनकी टीम ने सतर्कता और दृढ़ संकल्प के साथ कार्य किया।

तीन तस्कर गिरफ्तार – तेंदुए के अंगों के साथ रंगे हाथ दबोचे गए

लगातार छानबीन के बाद दिनांक 28 मई 2025 को ग्राम कोचबाय चौराहा पर तीन संदिग्धों को तेंदुए के अंग बेचने की कोशिश करते समय धर दबोचा गया। गिरफ्तार किए गए आरोपी हैं:

  1. अशोक पिता चरण सिंह (48 वर्ष), जाति – गोंड़, ग्राम सेहरापानी
  2. बीरबल यादव पिता दयाराम (28 वर्ष), जाति – यादव, ग्राम सेहरापानी
  3. अशोक कमार पिता हीरु कमार (45 वर्ष), जाति – कमार, ग्राम पण्डरीपानी

इनके पास से तेंदुए के 3 नाखून, 1 दांत और 3 बाल बरामद किए गए। यही नहीं, आरोपी अशोक कमार के निवास में छापामार कार्यवाही कर अन्य वन्यप्राणियों के अवशेष – मांस का टुकड़ा, पंख, पैर, बाल आदि भी जब्त किए गए।

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वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम की सख्त धाराएं लगाई गईं

आरोपियों पर वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 की निम्नलिखित धाराएं लगाई गई हैं:

  • धारा 9 – किसी भी अनुसूचित वन्यप्राणी को मारना, घायल करना या उसका शिकार करना प्रतिबंधित है।
  • धारा 39 – किसी भी संरक्षित वन्यप्राणी का अंग या उत्पाद राज्य की संपत्ति होता है, जिसका संग्रह, विक्रय या व्यापार अपराध की श्रेणी में आता है।
  • धारा 44 – बिना वैध लाइसेंस के किसी वन्यप्राणी उत्पाद का व्यापार अवैध है।
  • धारा 49B – वन्यप्राणी अंगों का व्यापार अंतरराज्यीय या अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क में करना कठोर दंडनीय अपराध है।
  • धारा 51 – उपरोक्त धाराओं के उल्लंघन पर 3 से 7 वर्ष की सश्रम कारावास एवं ₹10,000 से अधिक जुर्माना।

इन धाराओं के अंतर्गत तीनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। मामले की जांच अब उच्चस्तरीय अधिकारियों की निगरानी में विस्तारित की जा रही है।

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साहसी कार्रवाई में वन अमले की अहम भूमिका

इस पूरे ऑपरेशन में धीरेन्द्र साहू (वन परिक्षेत्र अधिकारी, छुरा),नदीम बरिहा (वन परिक्षेत्र अधिकारी, गरियाबंद) तथा अधीनस्थ अधिकारी और कर्मचारी – उप वनक्षेत्रपाल लोकेश्वर सिंह चौहान, वनपाल कमल नेताम, कृष्ण कुमार साहू, शिवलाल यादव, वनरक्षक छमेश्वर साहू, देवराम साहू, यादराम सिन्हा पूरुषोत्तम ध्रुवा, श्रीमती तुलसी ध्रुव, रामध्वज मौर्य आदि की सराहनीय भूमिका रही।

वन मंत्री की अपील – जंगल की धरोहर बचाना सबकी जिम्मेदारी

इस बड़ी कार्रवाई के बाद वन मंत्री केदार कश्यप ने प्रेस के माध्यम से प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे वन्यप्राणी संरक्षण में प्रशासन को सहयोग दें। “वन्यजीव हमारी सांस्कृतिक और जैविक विरासत हैं। उनका संरक्षण केवल कानून की बात नहीं, बल्कि हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है,” उन्होंने कहा।

विशेष नोट: अगर आपको वन्यजीव अपराध की कोई जानकारी हो, तो कृपया तुरंत नजदीकी वन विभाग को सूचित करें या टोल-फ्री नंबर 1926 पर कॉल करें। आपकी पहचान गुप्त रखी जाएगी।

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