CG: लैलूंगा में भू-माफिया की करतूत का खुलासा: शासकीय आबादी भूमि पर प्लॉटिंग कर बेचने की साज़िश, 100 वर्षों पुराना रास्ता बंद होने की आशंका से भड़के नागरिक

— मोहल्लेवासियों ने एकजुट होकर SDM को सौंपा ज्ञापन, उग्र आंदोलन की चेतावनी

लैलूंगा (रायगढ़)। नगर पंचायत लैलूंगा के वार्ड क्रमांक 11 में भू-माफिया की दबंगई और शासकीय भूमि पर अवैध प्लॉटिंग की साजिश के खिलाफ नागरिकों का गुस्सा अब फूट पड़ा है। शांति नगर और पटेल मोहल्ला से जुड़ा यह मामला केवल ज़मीन की अवैध बिक्री तक सीमित नहीं है, बल्कि यहां निवासरत सैकड़ों लोगों की आवाजाही के लिए 100 वर्षों से उपयोग हो रही सार्वजनिक सड़क को ही निजी बताकर बंद करने की कोशिश की जा रही है।
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इस गंभीर मामले को लेकर मोहल्लेवासियों ने एकजुट होकर अनुविभागीय अधिकारी (SDM) लैलूंगा सुश्री अक्षा गुप्ता को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया है कि पटेल मोहल्ला जाने वाला यह मार्ग शासकीय आबादी भूमि खसरा नंबर 624 में स्थित है, जो दशकों से लोगों की आवाजाही का एकमात्र रास्ता है। अब यह ज़मीन एक स्थानीय रसूखदार भू-माफिया गुलाब राय सिंघानिया द्वारा कब्जा कर प्लॉट काटकर बेची जा रही है।
सड़क पर खतरा, किसान हुए परेशान
इस रास्ते का महत्व केवल मोहल्ले तक सीमित नहीं है, बल्कि अधिकांश निवासी किसान हैं, जो अपनी फसलों को खेत से लाने-ले जाने के लिए इसी मार्ग का उपयोग करते हैं। यदि यह रास्ता बंद हो जाता है तो उनके लिए कोई वैकल्पिक मार्ग नहीं बचेगा। इससे उनकी आजीविका पर सीधा असर पड़ेगा।
रहवासियों का आरोप है कि गुलाब राय सिंघानिया द्वारा खसरा नंबर 624, रकबा 15.0220 हेक्टेयर में से लगभग 20 डिसमिल भूमि को प्लॉटिंग कर बेच दिया गया है। इसमें वह हिस्सा भी शामिल है जहां से होकर 100 वर्षों पुराना आम रास्ता गुजरता है। यह ज़मीन शासकीय आबादी भूमि में दर्ज है और इसे कभी किसी व्यक्ति के नाम पर आवंटित नहीं किया गया है। बावजूद इसके भू-माफिया ने इसे ‘अपनी ज़मीन’ बताकर बेचने की जुगत शुरू कर दी है।
प्रशासन हरकत में, पर सवाल भी बहुत
मामले की गंभीरता को देखते हुए नगर पंचायत लैलूंगा की CMO पुष्पा खलखो ने तत्काल संज्ञान लेते हुए मौके पर निरीक्षण का आदेश दिया और पटवारी को बुलाकर नक्शा दुरुस्त करने की बात कही। वहीं, SDM सुश्री अक्षा गुप्ता ने भी मौके की जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि सार्वजनिक रास्ता बंद किया गया है, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश – रास्ता नहीं रोक सकते!
यह मामला सुप्रीम कोर्ट की उस गाइडलाइन से भी जुड़ा है जिसमें कहा गया है कि यदि किसी मोहल्ले का रास्ता वर्षों से किसी भूमि से होकर जा रहा है और वैकल्पिक रास्ता नहीं है, तो उस ज़मीन के स्वामी को रास्ता देना ही होगा। यहां मामला और गंभीर है क्योंकि संबंधित भूमि शासकीय है, निजी नहीं। ऐसे में इसे बेचना या कब्जा करना सीधे तौर पर कानून का उल्लंघन है।
जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर उठे सवाल
पूरे मोहल्ले में इस समय गुस्से का माहौल है। लोगों का कहना है कि नगर के कई हिस्सों में शासकीय भूमि पर भू-माफियाओं ने कब्जा कर लिया है और प्रशासन व जनप्रतिनिधि चुपचाप तमाशा देख रहे हैं। अब जबकि मामला उजागर हो चुका है, तो पूरी लैलूंगा नगर पंचायत की शासकीय भूमि की जांच होनी चाहिए।
नागरिकों की चेतावनी – सड़क बंद हुई तो आंदोलन तय
मोहल्लेवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि सड़क पर कब्जा कर उसे बंद करने की कोशिश की गई, तो वे शांत नहीं बैठेंगे। संघर्ष का बिगुल बजाया जाएगा और उग्र आंदोलन होगा।
निष्कर्ष
यह मामला केवल एक मोहल्ले की सड़क का नहीं, बल्कि कानून, प्रशासन और नागरिक अधिकारों की रक्षा का भी है। यदि शासकीय भूमि को इस तरह भू-माफिया अपने कब्जे में लेकर बेचने लगे, तो भविष्य में आमजन को ज़मीन नहीं, केवल संघर्ष ही मिलेगा।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन भू-माफिया पर शिकंजा कसता है या रसूखदारों के आगे घुटने टेक देता है। आने वाले कुछ दिन लैलूंगा के भविष्य की दिशा तय करेंगे।