CG: “राष्ट्र निर्माण की परछाई में मसीही समाज की रौशनी” — रायपुर में ‘लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर मंच’ का भव्य समर्पण समारोह संपन्न

रायपुर (गंगा प्रकाश)। “राष्ट्र निर्माण की परछाई में मसीही समाज की रौशनी”: शिक्षा, सेवा और संस्कार की त्रिवेणी के बीच आज रायपुर के सलेम इंग्लिश स्कूल ने इतिहास रच दिया। छत्तीसगढ़ डायोसिस बोर्ड ऑफ एजुकेशन (CDBE) के अंतर्गत निर्मित नवीन मंच को ‘लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर मंच’ के नाम से राष्ट्र को समर्पित किया गया — जो न केवल एक भवनात्मक संरचना है, बल्कि नारी सम्मान, सामाजिक न्याय और मसीही समाज की राष्ट्र निर्माण में गहन सहभागिता का जीवंत प्रतीक बनकर उभरा है।

नारी गरिमा को समर्पित मंच
समर्पण समारोह का नेतृत्व कर रही द राइट रेव. सुषमा कुमार, बिशप एवं चेयरपर्सन, डायोसिस ऑफ छत्तीसगढ़ (CNI), ने अपने ओजस्वी संबोधन में कहा —
“यह मंच केवल एक संरचना नहीं, यह वह संकल्प है जो ईश्वर की महिमा और मानवता की सेवा के बीच सेतु बनता है। देवी अहिल्याबाई होलकर जैसे महान व्यक्तित्व को समर्पण, हमारे समाज की उस चेतना का प्रतीक है, जो स्त्री नेतृत्व, न्यायप्रियता और सेवा भावना में विश्वास रखता है।”
उनका संबोधन एक आत्मिक अनुभव की तरह था — जिसमें धर्म, संस्कृति और आधुनिक भारत के निर्माण की भावना एक साथ स्पंदित हो रही थी।
प्रेरणादायी पहल, समाजिक चेतना की दिशा में कदम
समारोह का आयोजन चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के जनसंपर्क निदेशक प्रांजय मसीह के निर्देशन में संपन्न हुआ, जिन्होंने इसे एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायी कदम बताया।
“यह पहल केवल मंच का उद्घाटन नहीं, बल्कि मसीही समाज की ओर से राष्ट्र को दिया गया एक विचारात्मक योगदान है। यह हमारे मूल्यों — शिक्षा, सेवा और समर्पण — का प्रत्यक्ष प्रतीक है।”
उन्होंने यह भी कहा कि मंच भविष्य में छात्रों की बहुआयामी प्रतिभाओं को निखारने और सामाजिक जागरूकता के आयोजन का केंद्र बनेगा।
प्रशासनिक नेतृत्व और शिक्षा समाज की भागीदारी
समारोह में छत्तीसगढ़ डायोसिस के प्रमुख पदाधिकारी — सचिव नितिन लॉरेंस, उपाध्यक्ष जयदीप रॉबिन्सन, कोषाध्यक्ष प्रविण मसीह, तथा प्रधानाचार्या श्रीमती रूपिका लॉरेंस प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में इस मंच को “भविष्य के राष्ट्र निर्माता विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत” बताया।
नितिन लॉरेंस ने एक विचारोत्तेजक वक्तव्य में कहा —
“मसीही समाज मंच पर भले ही कम दिखे, पर हमारी सेवा, समर्पण और शिक्षा की जड़ें इस देश की मिट्टी में बहुत गहराई तक पैबस्त हैं। यह समर्पण एक प्रतीक है, एक आह्वान है — कि हम भी इस राष्ट्र की आत्मा में रचे-बसे हैं।”
चर्च प्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति
समारोह में रायपुर एवं आसपास के चर्च प्रतिनिधियों की भी उल्लेखनीय भागीदारी रही। उपस्थित गणमान्य जनों में रेव. समीर फ्रैंकलिन, रेव. सुबोध कुमार, रेव. असीम प्रकाश विक्रम, रेव. हेमंत टिमोथी, रेव. शैलेश सोलोमन, रेव. सामेन्दु अधिकारी, रेव. सुनील कुमार, रेव. निर्मल कुमार, भाई जॉन राजेश पॉल (अध्यक्ष, पास्टरेट कोर्ट), डिकॉन मांशीष केजू, डिकॉन जीवन मसीह, डिकॉन ऐश्वर्या जैसे आध्यात्मिक नेतृत्वकर्ता शामिल थे।
साथ ही CDBE, सलेम इंग्लिश स्कूल का संपूर्ण स्टाफ और छात्र-छात्राएँ भी इस अविस्मरणीय क्षण के साक्षी बने।
इतिहास, सेवा और शिक्षा का संगम
‘लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर मंच’ को समर्पित कर छत्तीसगढ़ मसीही समाज ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वह केवल प्रार्थनाओं तक सीमित नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की हर ईंट में अपनी सेवा और श्रम से संलग्न है।
जहाँ एक ओर यह मंच स्त्री नेतृत्व के गौरवशाली इतिहास को सम्मान देता है, वहीं दूसरी ओर यह समाज में शिक्षा को सर्वोच्च मूल्य के रूप में स्थापित करने का प्रयास करता है।
एक नए युग की शुरुआत
इस समर्पण के साथ ही एक नए युग की शुरुआत मानी जा रही है — जहाँ धार्मिक संस्थाएं केवल पूजा-स्थल नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन और जनजागरण की प्रयोगशालाएँ बन रही हैं। यह मंच उस यात्रा की पहली सीढ़ी है, जिसमें ईश्वर की महिमा और मानवता की सेवा दोनों एक साथ चलती हैं।