CG: छुरा में पर्यावरण जागरूकता की बयार: तख्तियों में गूंजा प्रकृति का स्वर, पौधों का मनाया गया जन्मदिवस
“पाउच, पन्नी, पॉलीथीन – प्रकृति के दुश्मन तीन” गूंजा नारा, वृक्षारोपण और संरक्षण की दिलाई शपथ

छुरा/गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। छुरा में पर्यावरण जागरूकता की बयार: विश्व पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर पर छुरा नगर की सड़कों पर गुरूवार की सुबह एक अद्भुत और प्रेरणादायक नज़ारा देखने को मिला। हरे रंग की तख्तियों, पर्यावरण जागरूकता के नारों, उत्साही युवाओं और समर्पित समाजसेवियों की टोली जब रैली के रूप में निकली, तो मानो धरती माँ स्वयं मुस्कुरा उठी। कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे थे क्षेत्र के प्रसिद्ध पर्यावरण मित्र, वरिष्ठ समाजसेवी शीतल ध्रुव और पतंजलि युवा भारत के राज्य सोशल मीडिया प्रभारी एवं प्रतिष्ठित योगाचार्य मिथलेश कुमार सिन्हा।

🚩 वृक्ष जन्मदिवस से जागरूकता रैली तक – एक अभिनव प्रयास
इस वर्ष की रैली को खास बनाने के लिए आयोजकों ने एक अनोखी पहल की — पिछले वर्ष लगाए गए पौधों का “वृक्ष जन्मदिवस” मनाया गया। यह विचार जनमानस में प्रकृति के प्रति एक भावनात्मक जुड़ाव उत्पन्न करने वाला रहा। कार्यक्रम की शुरुआत छुरा स्थित व्यायामशाला से हुई, जो नगर के प्रमुख स्थलों – बाज़ार चौक, बजरंग चौक, सदर रोड, स्वर्ण जयंती चौक, शीतला बाज़ार और बस स्टैंड से गुजरती हुई शिशु मंदिर के समक्ष समापन पर पहुँची। रास्ते भर रैली में शामिल प्रतिभागियों ने हाथों में जागरूकता संदेशों की तख्तियाँ थाम रखी थीं – “धरती की पुकार सुनो”, “पेड़ नहीं तो कल नहीं”, “प्लास्टिक छोड़ो, जीवन जोड़ो” जैसे नारे लोगों का ध्यान खींचते रहे।
🌱 शीतल ध्रुव: “आने वाला युद्ध पर्यावरण के लिए होगा”
रैली के समापन अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए वरिष्ठ समाजसेवी शीतल ध्रुव ने कहा,
“सुखी धरती करे पुकार, वृक्ष लगाकर करो श्रृंगार।”
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पर्यावरण संकट एक वैश्विक आपदा का रूप ले चुका है। तापमान में असामान्य वृद्धि, मौसमी असंतुलन, जैव विविधता की हानि और जल संकट जैसी चुनौतियाँ मानव जाति को चेतावनी दे रही हैं। उन्होंने चेताया कि यदि हमने समय रहते चेतना नहीं दिखाई, तो आगामी विश्व युद्ध पर्यावरण और जल संसाधनों के लिए होगा। उन्होंने अपील की कि हर नागरिक को अपने जन्मदिन, वर्षगांठ या किसी भी मांगलिक अवसर पर एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए, लेकिन सिर्फ लगाना नहीं, उसका संरक्षण और संवर्धन भी उतना ही जरूरी है।
❌ प्लास्टिक – अदृश्य ज़हर: मिथलेश सिन्हा का तर्कपूर्ण संबोधन
इस अवसर पर योगाचार्य मिथलेश कुमार सिन्हा ने अपने संबोधन में प्लास्टिक प्रदूषण पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक न केवल हमारे जल संसाधनों और कृषि भूमि को प्रदूषित कर रहा है, बल्कि अब यह मानव शरीर के भीतर तक प्रवेश कर चुका है। उन्होंने बताया कि
“नवीनतम शोध बताते हैं कि माइक्रोप्लास्टिक और नैनोप्लास्टिक – जो पाँच मिलीमीटर से भी छोटे होते हैं – अब पानी, भोजन, यहां तक कि गर्भवती महिलाओं के प्लेसेंटा और मानव मल तक में पाए जा रहे हैं। यह केवल एक पर्यावरणीय मुद्दा नहीं, बल्कि एक गंभीर मानव स्वास्थ्य संकट है।”
उन्होंने कहा कि हमें तत्काल प्रभाव से प्लास्टिक का त्याग करना होगा और कपड़े, जूट व कागज के थैलों को पुनः अपनाना होगा।
👏 युवाओं की जबरदस्त भागीदारी
इस प्रेरणादायक रैली में नगर के युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से युवा व्यवसायी गजेंद्र साहू, यामिश निषाद, अभिषेक माधवानी, सक्षम शर्मा, रेयांश लकड़ा, धनराज साहू, प्रतीक साहू, नयन ठाकुर, कुणाल ध्रुव और पीयूष ठाकुर उपस्थित रहे। इन सभी ने अपने स्तर पर पर्यावरण संरक्षण की पहल करने की बात कही।
📢 छुरा का संदेश – “पेड़ लगाएं, जीवन बचाएं”
रैली और वृक्ष जन्मोत्सव ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि पर्यावरण की रक्षा केवल सरकार या संस्थानों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का धर्म है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां धर्म, जाति, वर्ग, राजनीति — सभी सीमाएं समाप्त हो जाती हैं और मनुष्य केवल “प्रकृति का पुत्र” बनकर खड़ा होता है।
छुरा नगर ने इस रैली के माध्यम से न केवल एक अनुकरणीय पहल की है, बल्कि पूरे जिले को यह संदेश भी दिया है कि यदि हम सब एकजुट हो जाएं, तो धरती को फिर से हरा-भरा बनाया जा सकता है।