CG : रसेला में हरियाली की अलख: कलेक्टर उइके ने किया पौधारोपण, ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान में जोड़ा जन-जन का दिल
छुरा/गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। छुरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत रसेला में आज शुक्रवार को सुबह से ही कुछ अलग ही दृश्य का साक्षी बना। आसमान में हल्के बादलों की ओट से छनकर आती धूप के बीच गांव का माहौल हरियाली की महक से भर उठा। जनपद पंचायत छुरा द्वारा आयोजित विकासखंड स्तरीय वृक्षारोपण कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीणजन, स्व-सहायता समूह की महिलाएं, जनप्रतिनिधि और अधिकारी शामिल हुए। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाना और ग्रामीण क्षेत्रों को हरित एवं स्वच्छ बनाना था।

कार्यक्रम में गरियाबंद कलेक्टर बी एस उइके ने पौधारोपण कर उपस्थित लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा – “प्रकृति हमें जीवन देती है, यदि हम उसे संरक्षित करेंगे तभी भविष्य सुरक्षित रहेगा। प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन के महत्वपूर्ण अवसरों को यादगार बनाने के लिए पौधारोपण करना चाहिए। खासकर मां के नाम पर लगाया गया पौधा उसके प्रति श्रद्धा, प्रेम और जिम्मेदारी का प्रतीक होगा।”
कलेक्टर श्री उइके ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की विशेष चर्चा करते हुए कहा कि यह केवल पौधारोपण नहीं, बल्कि मां के त्याग और ममता को प्रकृति के माध्यम से सम्मान देने का प्रयास है। उन्होंने सभी ग्रामीणों से आह्वान किया कि वे अपने आंगन, खेत की मेढ़ों और सार्वजनिक स्थानों पर अधिक से अधिक पौधे लगाकर जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने में सहभागी बनें।
इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ जी आर मरकाम, सभापति जिला पंचायत गरियाबंद लेखराज ध्रुवा, जनपद पंचायत छुरा अध्यक्ष श्रीमती मीरा ठाकुर, उपाध्यक्ष कुलेश्वर सोनवानी, जनपद सदस्यगण, ग्राम पंचायत रसेला की सरपंच, पंचगण, संकुल संगठन कनसिंघी की पदाधिकारी, विभिन्न विभागों के अधिकारी और क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की विशेष बात यह रही कि एनआरएलएम के महिला स्व-सहायता समूहों ने 300 से अधिक पौधों का सामूहिक रोपण कर पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी मजबूत भूमिका दर्ज कराई। महिलाएं तुलसी, सहजन, अमरूद, कटहल, नींबू जैसे पौधे लगाते हुए कह रही थीं – “इन पौधों से ही हमारा कल सुरक्षित रहेगा। पेड़ नहीं होंगे तो हम नहीं होंगे।” गांव की बुजुर्ग महिलाएं भी छड़ी का सहारा लेकर कार्यक्रम में शामिल हुईं और पौधों के चारों ओर रक्षा का संकल्प लिया।
कलेक्टर ने कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि “वृक्ष जीवनदायिनी हैं। वे न केवल शुद्ध हवा, फल, छाया और ईंधन देते हैं, बल्कि भूमिगत जल स्तर को भी बनाए रखते हैं। पेड़ों से हमारा स्वास्थ्य भी जुड़ा है। आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए यह हमारा नैतिक और सामाजिक दायित्व है।”
कार्यक्रम के अंत में विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी भी ग्रामीणजनों को दी गई। कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, महिला एवं बाल विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों को अपनी योजनाओं का लाभ लेने हेतु प्रेरित किया। जनपद अध्यक्ष मीरा ठाकुर ने कहा कि हर पंचायत में वृक्षारोपण अभियान को जनांदोलन बनाया जाएगा ताकि छुरा ब्लॉक हरियाली के मामले में जिले और राज्य में उदाहरण बने।
कार्यक्रम में शामिल संकुल संगठन कनसिंघी की पदाधिकारी और महिला समूह की दीदियों ने भी एक स्वर में कहा कि वे हर सीजन में वृक्षारोपण करेंगी और पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी। ग्राम पंचायत रसेला के पंचगण ने इस अवसर पर पंचायत भवन के आस-पास और स्कूल परिसर में भी पौधारोपण का संकल्प लिया।
ग्रामीणों में दिखा उत्साह, हरियाली को समर्पित हुई भावनाएँ
गांव की युवा छात्रा कविता ने कहा – “पहली बार इतना बड़ा वृक्षारोपण कार्यक्रम हमारे गांव में हुआ। कलेक्टर सर को पौधे लगाते देख हमें भी प्रेरणा मिली। अब मैं भी हर साल अपनी मां के नाम पौधा लगाऊंगी।”
इस तरह रसेला का यह वृक्षारोपण कार्यक्रम न केवल सरकारी औपचारिकता तक सीमित रहा, बल्कि ग्रामीणों के दिलों में हरियाली, जीवन और मां के प्रति सम्मान का बीज भी बो गया। आयोजन के अंत में सभी ने एक स्वर में कहा – “पेड़ लगाना ही सबसे बड़ा पुण्य है।”